नोटबंदी के बाद से एटीएम और बैंको काफी मारामारी रही है. समय-समय सरकार जनता के लिए नकदी निकासी की सीमा भी बढ़ाती रही है लें अभी एक ताजा ख़बर सामने आई है.
सदन में बैंकों और एटीएम से नकद निकासी की सीमा पूरी तरह समाप्त करने का मुद्दा तूल पकड़ लिया. बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति सामान्य बनाने के लिए केवल 50 दिन मांगे थे।
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सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नगदी निकासी का मामला उठा. इस मामले को तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने उठाया और प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने स्थिति सामान्य बनाने के लिए 50 दिनों का समय मांगा था।
मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित करने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही थी।
रॉय ने कहा, “नोटबंदी के बाद से आज 90 दिन हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 दिन मांगे थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर वह विफल होते हैं तो उन्हें चौराहे पर ले जाकर दंडित किया जा सकता है।”
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उन्होंने आगे कहा, “हम नहीं चाहते हैं कि उन्हें चौराहे ले जाया जाए, लेकिन लोगों को अब बिना किसी प्रतिबंध के बैंकों से उनके पैसे निकालने की इजाजत मिलनी चाहिए।”
मोदी सरकार ने गत साल आठ नवम्बर को 500 और 1000 रुपये मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था और तब से बैंकों और एटीएम से नकदी निकालने की सीमा निर्धारित है।
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