इस बार प्रदेश का चुनाव जीतने और ‘300 के पार’ का अपना लक्ष्य पाने की खातिर बीजेपी इस बार पूरी कोशिश कर रही है.
इस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ताबड़तोड़ रैलियां कर रहा है. बीजेपी नेता ऐसी बातों को तूल दे रहे हैं जिनसे वोटों का ध्रुवीकरण होने में आसानी हो.
अब देखना होगा कि बीजेपी के प्रमुख तीन रामबाण इन चुनावों में क्या गुल खिलाते हैं.
‘राम मंदिर’ का मुद्दा
राम मंदिर एक ऐसा मुद्दा है, जो चुनाव दर चुनाव बीजेपी को फायदा पहुंचाता रहा है.
हर चुनावों में राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी का सबसे अचूक ब्रह्मास्त्र बन कर उभरता है.
इन चुनावों में भी बीजेपी नेता लगातार राम मंदिर जल्द बनने की घोषणा करते नजर आ रहे हैं.
अभी हाल ही में विनय कटियार ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि राम मंदिर बनने के लिए यूपी में बीजेपी का बहुमत में जरूरी है.
इसके अलाव योगी आदित्यनाथ भी समय-समय पर राम मंदिर के जल्द बनने की बात कहते रहे हैं.
रायपुर प्रवास के दौरान योगी ने कहा था कि, “अयोध्या में राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण की बाधाएं धीरे-धीरे दूर होती दिखाई देंगी और अतिशीघ्र भगवान राम मंदिर का निर्माण कार्य अयोध्या में भी प्रांरभ होगा.”
‘तीन तलाक’ का मुद्दा चुनाव में भुनाया जायेगा
इन विधानसभा चुनावों में पढ़े-लिखे मुस्लिम वर्ग को अपनी ओर खींचने के उद्देश्य से तीन तलाक जैसे मुद्दे को भी भुनाने की पूरी कोशिश करने में लगी हुई है.
रविवार को केन्द्रीय विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सपा, कांग्रेस और बसपा को इस विवादित मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था.
रविशंकर ने संकेत दिया है कि विधानसभा चुनावों की मौजूदा प्रकिया खत्म होने के बाद केन्द्र सरकार संभवत: ‘तीन तलाक’ प्रतिबंधित करने के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है.
उन्होंने कहा था कि, केन्द्र इस “कुप्रथा को समाप्त करने को प्रतिबद्ध है.”
‘लव जिहाद-घर वापसी’ से चुनावी रणनीति
राम मंदिर की तरह ही बीजेपी लव जिहाद, घर वापसी और पलायन जैसे मुद्दों को भी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना रही है.
इस बात से साफ जाहिर है कि चुनावों में वोटर्स को लुभाने के लिए बीजेपी धार्मिक कार्ड खेलने की तैयारी में है.
योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में इन मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी थी.
उन्होंने साफ कहा था कि इन चुनावों में कैराना से हिन्दुओं का पलायन और लव जिहाद मुख्य मुद्दा होगा.
‘एंटी रोमियो स्क्वायड’ के एजेंडे पर किये गये सवाल पर योगी ने कहा था कि यह स्क्वायड महिलाओं के सम्मान को बहाल करने और भेदभाव समाप्त करने के लिए काम करेगा.
उन्होंने कहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लड़कियां स्कूल नहीं जा सकतीं. स्क्वायड उनके अधिकारों के लिए काम करेगा और राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
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