ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश का तवांग टाउन चीन की सीमा से सटा है. इसकी उंचाई जमीन से 10 हज़ार फीट है और अब रेलवे तवांग में ट्रेन दौड़ाएगा.
रेलवे के लिए तवांग में ट्रेन चलाना एक चुनौती भी है. भारतीय रेलवे यहाँ रेल लाइन बिछाने की तैयारी में है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे तवांग को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगा.
रेलवे ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. जल्द ही सर्वे शुरू करने वाला है.
यहाँ रेल लाइन बिछाकर रेलवे नया मुकाम हासिल करेगा. इस प्रोजेक्ट पर अगले साल से काम शुरू हो जायेगा.
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पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे महाप्रबंधक (निर्माण) एचके जग्गी के अनुसार, रेलवे इस परियोजना के जरिए पूरे अरुणाचल प्रदेश को रेल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रहा है.
यहाँ तीन स्ट्रैटजिक लाइन बिछाई जाएंगी.
जिसमें एक लाइन डूमडूमा से सिमालगुड़ी, नामसाइ औक चौउखाम होते हुए 96 किमी की वाकरो तक है.
दूसरी लाइन डांगरी से रोइंग तक 60 किमी की होगी.
तीसरी लेखापानी से नामपोंग तक 75 किमी की होगी. इन तीनों लाइनों पर जल्द ही सर्वे किया जाएगा.
इस परियोजना की अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये से 70,000 करोड़ रुपये होगी.
जग्गी के मुताबिक भालुकपंग से तवांग तक लाइन बिछाना कम चुनौतीपूर्ण नहीं होगा.
यह लाइन जहां से गुजरेगी, वहां की ऊंचाई 500 फीट से 9000 फीट तक है.
राजधानी ईटानगर से 10 किलोमीटर दूर नाहरलगुन पहला शहर है, जिसे 2014 में रेलवे से जोड़ा गया था.
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन ने बताया, ‘ हमारी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर बॉर्डर तक विस्तार की तैयारी है. रेलवे लाइनों के लिए हमने काम करना शुरू कर दिया है.’
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