पटना: हर औरत माँ बनने के सपना देखती है। और जैसे ही उसकी गोद भराई हो जाती है। वह आपने वाले बच्चे को लेकर तरह-तरह के सपने संजोती है। लेकिन कुदरत के करिश्मा के आगे हर कोई नतमस्तक हो जाता है। कब क्या दिखा दे यह किसी को नहीं पता होता है। बिहार के मोतिहारी जिले के चकिया अस्पताल में एक शिशु ने जन्म लिया जिसे लोग एलियन कहने लगे।
बच्चे को देखकर हर कोई हैरान
बताया जा रहा है कि बांसघाट नुनिया टोली के कांति देवी ने दिया बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का जन्म होने के बाद अस्पताल के कर्मचारी देखकर हैरान हो गए। महिला का प्रसव कराने वाले चिकित्सक ने बताया कि बच्चे का सही ढंग से विकास नहीं हुआ है। इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल में देखने वालों की भीड़ जमा हो गई । कोई इसे एलियन मान रहा है तो कोई कुदरत का करिश्मा बता रहा है।
रेफरल अस्पताल के चिकित्सक डॉ राजीव रंजन एवं डॉ. आरएन मल्लिक ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि मां- बाप के जीन में हुए म्यूटेशन के कारण भी ऐसा हो सकता है। बच्चे के शरीर के अंगों का पूरी तरह विकास नहीं हो सका है। बच्चे का चेहरा व आंखें काफी बड़ी हैं। वहीं सिर है ही नहीं। उन्होंने बताया कि इस तरह के बच्चे दो तीन दिनों तक ही जीवित रह पाते हैं। बच्चे को मोतिहारी रेफर कर दिया गया है।
महिला ने तीन आंखों वाले अद्भुत शिशु को दिया जन्म
उधर, छत्तीसगढ़ के भाटापारा में एक महिला ने तीन आंखों वाले अद्भुत शिशु को जन्म दिया है। रात एक बजे टेहका गांव की एक महिला ने सरकारी अस्पताल में तीन आंखों वाले स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इस शिशु को देखने के लिए अस्पताल में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
यह अद्भुत बालक शहर में कौतूहल का विषय बना हुआ है। नवजात का पिता धनीराम ध्रुव शहर से पांच किलोमीटर दूर ग्राम टेहका में कृषक मजदूर है। उसकी गत वर्ष शादी हुई। अद्भुत शिशु को जन्म देने वाली महिला का नाम सवाना बाई ध्रुव है तथा यह उनकी पहली संतान है।
इस अद्भुत बालक के संबंध में शिशु रोग विशेषज्ञ गजेंद्र महिलांग ने बताया कि बच्चे में सिर ढकने की क्रीमियम हड्डी बनी ही नहीं, यानी गर्भ में बच्चे का सही विकास नहीं हो पाया और इस प्रकार का प्रकरण मेरे कार्यकाल में चार बार देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि बच्चे के ज्यादा समय तक जीवित रहने की संभावना नहीं के बराबर है।
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