नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि कोर्ट को जजों की नियुक्ति पर दायर याचिकाओं पर कोई निर्देश देने की जरुरत नहीं है। इस मामले को निपटाने के लिए प्रशासनिक तरीके का सहारा लिया जा रहा है। जजों की नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने साफ दिशा-निर्देश दिए थे कि MOP सरकार और कॉलेजियम मिलकर तय करेंगे, इसलिए कोर्ट के आदेश की और जरूरत नहीं है।
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अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा सरकार न्यायिक नियुक्ति के मामले पर गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं को खारिज कर देना चाहिए। कोर्ट ने मामले को एक महीने के लिए ये कहते हुए टाल दिया की सरकार ने आश्वासन दिया है की उच्च न्यायालयों में जजों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा।
एक महीने बाद मामले की सुनवाई इस बिंदु पर भी होगी की क्या जजों की नियुक्ति के लिए एक ज्यूडिशिअल अपॉइंटमेंट कमीशन होना चाहिए या नहीं। सोमवार को ये मामला पहली बार नए मुख्य न्यायधीश जस्टिस जेएस खेहर की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया।
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