पटना: अभी तक आपने मंदिर तो तमाम देखे और सुने होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे। जी हाँ यह मंदिर बिहार में जहां इंसान ही नहीं माँ के दर्शन करने उनकी सवारी बाघ भी आते हैं। इस मंदिर के बारे में कई पौराणिक कथाएं हैं।
रात में देवी माँ के पैर छूने आते हैं बाघ
पाल सीमा पर बगहा वाल्मीकिनगर मुख्य सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28बी से सटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वनों के बीच मदनपुर देवी का स्थान स्थित है। यहाँ राजा मदन सिंह राज करते थे उन्ही के नाम पर मदनपुर पड़ा। कहा जाता है कि इस मंदिर के पुजारी के इशारे पर बाघ नाचते थे।
राजा मंदन सिंह की जिद से तबाह हो गया राजमहल
कहा जाता है कि मदनपुर स्थान पर रासो गुरु पुजारी बाघों से धान की दौनी कराते थे। इस चमत्कारी मंदिर के बारे में जानकर मदन राजा खुद वहां पहुंचे और पुजारी से मां देवी के दर्शन की जिद करने लगे। पुजारी रासो गुरु ने मदन राजा को बार-बार चेतावनी दी गई कि मां के दर्शन की जिद छोड़ दें क्योंकि इससे अनहोनी की आशंका है। राजा ने बात नहीं मानी तो देवी का एक हाथ पुजारी रासो गुरु का सिर फाड़ते हुए बाहर निकल आया।
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पूरे इलाके में अंधेरा छा गया, जोर से गर्जना के साथ धरती फट गई और राजा मदन सिंह का पूरा राजमहल धरती में समा गया। कहा जाता है कि जब मदन राजा का विनाश हुआ तो उस समय रानी सती अपने मायके गई हुई थीं और वो गर्भ से थी। पूरे हादसे में वही एक मात्र बची थीं जिनकी सन्तानों से आज बड़गांव दरबार का वंशज कायम है। बड़गांव स्टेट की बहुरानी अर्पणा सिंह खुद इन पौराणिक कथाओं से इत्तेफाक रखती हैं।
आस्था और विश्वास का केंद्र बन चुके मां मदनपुर के दरबार में नेपाल से लेकर यूपी से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर मन की मुरादें पूरी करते है। मां मदनपुर देवीपीठ के पुजारी ललन दास का कहना है कि मां के दर्शन के लिए रात में बाघ आज भी पहुंचते है। लिहाजा देर रात यहां लोगों के प्रवेश पर रोक रहती है और वन विभाग कर्मचारियों के साथ पुलिस तैनात रहती है।
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