माघ मेले के मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को गंगा-यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम में लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इस स्नान पर्व का पुण्य लेने के लिए संगम सहित 19 गंगा घाटों पर भोर से शाम तक स्नानार्थियों की कतार लगी रही।
मेला प्रशासन का दावा है कि मौनी अमावस्या पर डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर डुबकी लगाई। स्नान की शुरुआत गुरुवार शाम साढ़े चार बजे से हो गई थी।
इसलिए रातभर श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। भोर में चार बजे से श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए उमड़ने लगी। दोपहर 12 बजे तक स्नान करने के लिए सभी घाटों पर धक्कामुक्की हो रही थी।
इसके बाद भीड़ थोड़ी कम हो गई। एक बजे के बाद शहर व आसपास के लोग भी पहुंचने लगे। इससे भीड़ फिर बढ़ने लगी। सभी घाटों पर देर शाम तक स्नान करने वालों की कतार लगी रही।
पांच सेक्टरों में आबाद माघ मेले के सभी मार्ग भरे हुए थे। इन मार्गो पर पैदल चलने में दिक्कत हो रही थी। लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए संगम की तरफ बढ़ रहे थे।
मेला क्षेत्र की सभी दुकानों पर भी भीड़ दिखी। सभी घाटों व मार्गो पर सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस, पीएसी व अर्ध सैनिक बल के जवान मुस्तैद दिखे। संगम नोज व त्रिवेणी मार्ग पर भीड़ अधिक होने से आरएफ के जवानों को भी लगाया गया।
कमिश्नर राजन शुक्ल, डीएम संजय कुमार, एसएसपी शलभ माथुर भी पुलिस अधिकारियों व आएएफ के जवानों के साथ जायजा लेते रहे। पुलिस अधिकारी सीसीटीवी कैमरों के जरिए भीड़ पर नजर रखे हुए थे।
वायुसेना के अधिकारी भी हेलीकाप्टर से मेले का हवाई सर्वे कर रहे थे। माघ मेला के प्रभारी अधिकारी आशीष कुमार मिश्र के मुताबिक शाम तक एक करोड़ अस्सी लाख श्रद्धालुओं ने संगम सहित 19 घाटों पर पुण्य की डुबकी लगाई।
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