इंदौर। भोपाल में हुए बहुचर्चित शहला मसूद मर्डर केस में फैसला आ गया है। ऐक्टिविस्ट शहला मसूद हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए सीबीआई की कोर्ट ने शनिवार को चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता शहला की 5 वर्ष पूर्व हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने जाहिदा परवेज, सबा फारूकी, शाकीब डेंजर और ताबिश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि एक अन्य आरोपी इरफान को बरी कर दिया गया।
शहला मसूद की उनके भोपाल स्थित घर के बाहर 16 अगस्त, 2011 को कथित साजिश के तहत गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। सीबीआई कोर्ट इस मामले में पिछले 10 दिन से आरोपियों और सीबीआई की ओर से अंतिम बहस सुन रही थी। सीबीआई ने केस में 80 से ज्यादा गवाहों का बयान दर्ज कराया।
सीबीआई रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी जाहिदा भी उसी विधायक से प्रेम करती थी। 29 फरवरी 2012 को सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर केशव कुमार के हाथ जाहिदा की पर्सनल डायरी लगी जिसमें 16 अगस्त 2011 की तारीख में लिखा था कि उसे उसके घर के बाहर मार दिया गया। उसमें आगे लिखा था, ‘मारने के लिए अली नामक शख्स को भेजा था उसने फोन पर मुबारक बाद दी और कहा कि हमने उसे उसके घर के दरवाजे पर ही मार दिया।‘ जिसके बाद जाहिदा ने इस बात की पुष्टि के लिए एक और आदमी को भेजा।
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