नई दिल्ली। मेघालय के गर्वनर रहे वी षणमुगनाथन पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला को नौकरी दिलाने के लिए अपने कार्यालय में बुलाकर उसके साथ जबरदस्ती की है। महिला ने एनडीटीवी को लिखे खत में आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब मैं वहां पहुंची उन्होंने मेरे निजी जीवन को लेकर मुझसे सवाल पूछे…इसके बाद उन्होंने मुझे जबरन पकड़ा और चूमने लगे।’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला की शिकायत के साथ ही शिलांग स्थित राजभवन के 98 कर्मचारियों ने भी राज्यपाल के खिलाफ सीधे प्रधानमंत्री को खत लिखा है। यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे मेघालय के राज्यपाल वी षण्मुगनाथन ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया।
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इस खत में आरोप लगाया गया है कि षणमुगनाथन ने राजभवन की शुचिता के साथ समझौता करते हुए इसे लेडीज क्लब में तब्दील कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ दिनों के लिए केवल महिलाओं को ही नियुक्त किया गया। यह खत मिलने के बाद बीते सप्ताह केंद्र की ओर से षणमुगनाथन को जवाब देने के लिए कहा गया। हालांकि, यह मामला उस समय अचानक सुर्खियों में आ गया जब मीडिया में इसकी खबरें तेजी से उछलने लगीं।
यौन उत्पीड़न के आरोपों की वजह से राज्यपाल ने दिया इस्तीफा
मामले की संगीनता को देखते हुए राज्यपाल ने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा और 26 जनवरी को उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया। राज्पाल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया है। शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने से पहले 67 वर्षीय पूर्व राज्यपाल ने गुवाहाटी के प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में दर्शन किए। मालूम हो कि राजभवन के कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा खत सोशल मीडिया में भी वायरल हो गया। जिसमें पूर्व आरएसएस नेता रहे राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसमें कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उनका उत्पीड़न और मानसिक शोषण किया।
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