कानपुर। भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ने मंगलवार को कहा है कि पिछले साल भारत की मेजबानी में खेले गए टी-20 विश्व कप ने उन्हें हकीकत से रु-ब-रू कराया। इसके अलावा उन्होंने माना है कि इंडिया-ए की टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से भी उन्हें लाभ मिला है।
हार्दिक पांड्या को टी-20 विश्व कप ने हकीकत से कराया रूबरू
हार्दिक पांड्या ने गुरुवार से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला से पहले कहा कि विश्व कप के बाद मुझे पता चला की मुझे कहां सुधार करना है। एक खिलाड़ी के तौर पर मैंने अपनी गलतियों को मानता हूं और सुधार करना चाहता हूं।
पांड्या ने केदार जाधव के साथ मिलकर कोलकाता में खेले गए तीसरे और आखिरी एकदिवसीय मैच में भारत को लगभग जीत के करीब पहुंचा दिया था। 322 रनों का पीछा करते हुए पांड्या और जाधव ने छठे विकेट के लिए 104 रनों की अहम साझेदारी की थी।
हार्दिक पांड्या ने कहा कि आस्ट्रेलियाई दौर मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने अपने खेल के बारे में काफी कुछ जाना। राहुल सर मेरे साथ मेरे खेल के बारे में बात करते थे।
पांड्या विश्व कप में बुरी तरह से फ्लॉप हो गए थे। पांड्या की पहचान एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर जो अहम समय पर एकाग्रता खोकर गलत शॉट खेल कर आउट हो जाते हैं। उन्होंने माना की तीसरे मैच में भी वह अहम समय पर बड़ी गलती कर गए।
पांड्या ने कहा कि मैंने जो शॉट खेला वो नहीं खेलना चाहिए था। तेजी से रन बनाने की जरूरत थी और किसी ने किसी को बड़े शॉट लगाने थे। केदार वहां थे और हम दोनों ने सोचा की मुझे बड़े शॉट के लिए जाना चाहिए।
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