नई दिल्ली। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में केंद्र सरकार किसी न किसी बहाने लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने किसानों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के कर्ज के बारे में चर्चा की गई। कैबिनेट ने इस बैठक में यह फैसला किया कि कम समय के फसल पर लगने वाले कर्ज के सूद को माफ किया जाएगा। मोदी सरकार ने बताया कि करीब 660.5 करोड़ के बकाया सूद को माफ करने का एलान किया गया है।
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ये माफी पिछले साल नवंबर और दिसंबर के सूद पर लागू होगी। सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों को इस एलान से फायदा होगा। सरकार सहकारी बैंकों की अतिरिक्त फाइनेंसिंग के लिए नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चरल एंड रूरल डेवेलपमेंट बैंक यानी NABARD को अनुदान भी देगी। कैबिनेट बैठक के फैसले का मकसद नोटबंदी की मार से जूझ रहे किसानों को रबी की फसल के लिए आसान फसल लोन दिलवाना है। इसके लिए सरकार NABARD के जरिये सहकारी बैंकों को अतिरिक्त पैसा मुहैया करवाएगी।
सहकारी बैंकों को भी मिलेगी सहायता
सरकार ने कहा कि ब्याज माफी का फायदा सहकारी बैंक मौजूदा वित्तीय साल में भी किसानों को पहुंचाएंगे। इस फैसले से सरकारी खजाने पर करीब 1060 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। किसानों के लिए कर्ज पर ब्याज माफी के लिए साल 20016-17 में जारी किए गए 15 हजार करोड़ रुपये पहले ही खर्च किये जा चुके हैं।
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