मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा के जवाहर बाग मामले में पुलिस ने बुधवार को मुख्य अभियुक्त रामवृक्ष यादव के छोटे बेटे विवेक यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। विवेक यादव पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया के माध्यम से संगठन का संचालन करता था और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करता था। पुलिस के अनुसार रामवृक्ष यादव तो गत वर्ष 2 जून को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में अपनी मौत मारा गया। वह और उसके कुछ साथी पुलिस के हाथ लगने से बचने के लिए लगाई गई आग में जलकर मर गया था लेकिन उस समय उसका छोटा बेटा विवेक यादव अपने परिवार सहित फरार हो गया था।
सोशल मीडिया के माध्यम से संगठन का संचालन करता था विवेक यादव
एसएसपी मोहित गुप्ता ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि रामवृक्ष यादव का छोटा बेटा विवेक यादव अपने पिता के सत्याग्रह नामक संगठन का सारा काम संभालता था। वह उसकी कोर टीम का सबसे सशक्त सदस्य था। वही संगठन के सोशल मीडिया का भी संचालन करता था। जिस पर वह कई बार काफी भड़काऊ सामग्री पोस्ट किया करता था।
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गुप्ता ने यह भी बताया कि विवेक यादव इस मामले के शुरुआती दिनों में दाखिल किए गए दर्जनों मुकदमों में कहीं भी शामिल नहीं था, किंतु जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी उसके खिलाफ कई ऐसे सुबूत मिले जो उसके अपराधों की पूरी तरह पुष्टि करते थे इसीलिए जब उसके बड़े भाई राजनारायण को सोमवार को रामवृक्ष के विसरा से डीएनए टेस्ट के लिए नमूने लेने लाया गया, तभी उसकी निशानदेही पर विवेक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायालय में पेश किए जाने के बाद जेल भेज दिया गया।
क्या है जवाहर बाग कांड
2 जून 2016 को उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में जवाहर बाग पर जबरन कब्जा करने वाले उपद्रवियों व पुलिस के मध्य सशस्त्र संघर्ष में 2 पुलिस अधिकारी व 22 उपद्रवी मारे गए। बाबा जय गुरुदेव के अनुयायी, रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में सशस्त्र अतिक्रमणकारियों के एक दल ने जवाहर बाग की भूमि पर 2014 से कब्जा किया हुआ था। मूलरूप से गाजीपुर निवासी राम वृक्ष यादव मय निजी प्रशासन, राजस्व व सेना के साथ यहाँ से अपनी समानान्तर सरकार चला रहा था। यह भी आरोप है कि स्थानीय प्रशासन यह मानता था कि राम वृक्ष यादव कुछ राजनेताओं का नजदीकी है, अतः प्रशासन इस मामले में निष्क्रिय रहा।
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अदालत के आदेश के बाद जब पुलिस ने बलपूर्वक अतिक्रमणकारियों से ज़मीन खाली करने की कोशिश कि तो उन्होने उग्र विरोध किया और एक पुलिस अधीक्षक सहित 2 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मार डाला। बाद में पुलिस ने जवाबी कार्यवाही की जिसमे कई अतिक्रमणकारी मारे गए।
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