देहरादून: कांग्रेस को उस वक्त एक और बड़ा झटका लगा जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता एनडी तिवारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उनके साथ बेटे रोहित शेखर ने भी बीजेपी की सदस्यता ली। एनडी तिवारी आज दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने उनके आवास पहुंचे और दोनों ने यहीं पर बीजेपी का कमल थामा। मंगलवार को पूर्व उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य भी बीजेपी में शामिल हुए थे।
पार्टी में अपनी अनदेखी से नाराज थे एनडी तिवारी
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तिवारी पार्टी में लंबे समय से अपनी अनदेखी से नाराज हैं और अपने बेटे को विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिलवाना चाहते हैं। चर्चा है कि रोहित हल्द्वानी सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए यह फैसला किया गया है। दरअसल, एनडी अपने पुत्र रोहित शेखर को राजनीति में स्थापित करने को प्रयासरत थे।
Senior Congress leader Narayan Dutt Tiwari & his son Rohit Shekhar reaches BJP national president Amit Shah’s residence. pic.twitter.com/UQCFVQvEsn
— ANI (@ANI_news) January 18, 2017
इसलिए पहले उन्होंने बेटे को समाजवादी पार्टी से यूपी की किसी सीट से टिकट दिलाने की कोशिश की। जब उनकी यह कोशिश परवान नहीं चढ़ी तो उन्होंने उत्तराखंड में बीजेपी से टिकट दिलाने की कोशिश शुरू की। वह जिस सीट से टिकट दिलाना चाह रहे हैं, उस सीट पर अभी बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित भी नहीं किया है। इसी के मद्देनजर एनडी तिवारी के बीजेपी में जाने की चर्चा शुरू हुई। एनडी तिवारी के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही उत्तरखंड के सभी पूर्व सीएम बीजेपी के पाले में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं।
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गौरतलब है कि 91 वर्ष के एनडी तिवारी तीन बार अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2002 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वह 2002 से 2007 तक इस राज्य के भी मुख्यमंत्री रहे। साल 1986–1987 में, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यरत रहे। साल 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल पद पर थे। 2009 में एक सेक्स स्कैंडल में नाम आने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।
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