पटना। कानपुर के नजदीक इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटना को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। करीब 150 मौतों की वजह बनी यह घटना कोई हादसा नहीं थी, बल्कि सोची समझी साजिश थी जो कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे के अलावा बिहार के घोड़ासाहन स्टेशन के नजदीक पिछले वर्ष मालगाड़ी और यात्री गाड़ी को दुर्घटनाग्रस्त करने की नाकाम साजिश रचने के पीछे भी आईएसआई का हाथ था। इसका खुलासा पुलिस के हत्थे चढ़े मोती पासवान सहित तीन अपराधियों ने किया है।
पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने कहा कि गिरफ्तार तीन अपराधियों में शामिल मोती पासवान ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि पिछले साल नवंबर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटना की साजिश आईएसआई ने रची थी। राणा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों अपराधियों- पासवान, उमाशंकर प्रसाद और मुकेश यादव- के आईएसआई से संबंध होने के सबूत भी पुलिस को मिले हैं।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की एक टीम गिरफ्तार किए गए तीनों अपराधियों से पूछताछ कर रही है तथा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) को भी उनकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। राणा ने बताया, “पासवान ने बताया कि वह ट्रेन हादसे की साजिश में शामिल था। उसके साथ इस साजिश में शामिल अन्य लोगों में जुबैर और जियाउल भी थे। जुबैर और जियाउल को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। पासवान ने दिल्ली से गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों की पहचान कर ली है।”
घोड़ासहन से 25 दिसंबर को अरुण राम और दीपक राम लापता हुए थे। 28 दिसंबर को नेपाल के जंगलों में इनकी हत्या कर दी गई। जांच में शक के आधार पर मुजाहिर अंसारी को पकड़ा गया। मुजाहिर ने पुलिस को बताया कि रक्सौल-दरभंगा रेल ट्रैक पर घोड़ासहन के पास IED से ट्रेन को उड़ाने की साजिश थी। शम्शुल होदा ने ये प्लान किया और इसमें बृजकिशोर, उसका साला शंभु और मुजाहिर शामिल थे। ट्रैक उड़ाने के लिए शम्शुल ने अरुण और दीपक को 20-20 लाख और स्कॉर्पियो देने का वादा किया था। शम्शुल ने बृजकिशोर के जरिए 3-3 लाख एडवांस भेजे थे।
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