लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का हाल किसी से छुपा नहीं है। यहाँ अपराधी खुलेआम अपराध को अंजाम दे रहे हैं, अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। वहीं पुलिस भी अब गुंडागर्दी रोकने की बजाय निर्दोषों को ही अपराधी बनाने पर तुली हुई है। इसका एक मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला, जहाँ पुलिस ने एक पिता को ही बना डाला हत्यारोपित।
पारा के सलीमपुर पतौरा में डकैती और गैंग रेप की घटना के बाद क्षेत्र में बढ़ती वारदातों को देखते हुए एसएसपी ने रोकथाम व खुलासा करने के लिए क्राइम ब्रांच के सिपाहियों को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन क्राइम ब्रान्च के सिपाहियों ने एसएसपी को भी गुमराह किया और कुख्यात अपराधियों की मदद करते हुए बेटे की हत्या में वादी रहे पिता को ही आरोपित बना डालने का तानाबाना बुन दिया। हद तो तब हो गयी जब एएसपी क्राइम ने मामले की जांच किए बिना ही सिपाहियों के गुडवर्क पर मोहर लगा दी।
क्या है पूरा मामला
हकीकत यह है कि सर्विलॉस टीम ने आयुष साहू की हत्यारोपित अकील को बचाने के लिए क्राइम ब्रांच में तैनात एसआई और कांस्टेबिलों ने मिलकर पूरा षडयन्त्र रचा और पुलिस अधिकारियों को गुमराह किया। अधिकारियों को गुमराह करते हुए क्राइम ब्रांच में तैनात एसआई धीरेन्द्र शुक्ला, कांस्टेबिल धीरेन्द्र यादव व कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने बताया कि चार बदमाश एक व्यापारी द्वारा 20 लाख की सुपारी दिए जाने पर एक युवक की हत्या करने वाले हैं।
अधिकारियों का आदेश पाकर क्राइम ब्रांच टीम ने कामरान, अनवर, अफजल और तमीम को दबोच लिया। मामले को वजन देने के लिए कांस्टेबिल धीरेन्द्र यादव ने अधिकारियों को बताया कि अमीनाबाद में पार्षद पप्पू पाण्डेय की हत्या के आरोप में शूटर कामरान जेल गया था।
इससे पूर्व हिरासत में रहे दो बेगुनाहों की क्राइम ब्रान्च पुलिस ने पिटाई की और सुविधा शुल्क न मिलने पर उनके पास से दो असलहे बरामद दिखाकर जेल भेज दिया। जेल गये तमीम के भाई नदीम के अनुसार अकील नामक युवक जो कि चोर घाटी मे हुए हत्याकाण्ड का आरोपित है और वह पुलिस का मुखबिर भी है। अकील ने सबसे पहले कामिल पुत्र खलील निवासी यासीनगंज को उसके यामा कम्पनी के शोरूम से उठाया गया। उसके बाद सर्विलॉस टीम ने कामिल के बहनोई और पिता से डेढ़ लाख रुपये लेकर छोड़ दिया।
बाद में सर्विलॉस टीम के साथ मिलकर अकील ने अफजल को उठा कर एक फ्लैट पर ले जाकर 10-15 लोगों ने पिटाई की। जब अफजल अधमरा हो गया तो उससे जबरदस्ती वीडियो बनाकर झूठा गुनाह कबूल करवाया। क्राइम ब्रान्च ने अपना गुनाह छिपाने के लिए सर्विलॉस टीम ने सीरियल किलर सलीम के गुग्रे कामरान और साथ में तमीम को उठा लिया, जबकि 8 जनवरी को अफजल के परिजनों ने ठाकुरगंज थाने में अकील के ऊपर नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी। वहीं तमीम के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई।
सूत्रों का कहना है कि 8 जनवरी को क्राइम ब्रान्च टीम ने चारों को ठाकुरगंज थाने में सुपुर्दगी देनी चाही, लेकिन ठाकुरगंज पुलिस के इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें पारा थाने ले जाया गया। अधिकारियों को बताया कि अकील की हत्या के लिए व्यापारी श्रवण साहू ने इन लोगोें को 20 लाख रुपये एडवांस दिए हैं जो उनके एकाउन्ट में हैं। यह बताकर उन्हें तीन दिनों तक थाने में रखा गया।
उसी दौरान क्राइम ब्रान्च को लगा कि सूचना लीक हो गयी है और मीडिया सक्रिय हो चुकी है। मामला बिगड़ता देख आनन-फानन क्राइम ब्रान्च ने कामिल को धमका कर असलहे मंगाये और चारों को मोहान रोड पुलिया पर वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज दिया।
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