नई दिल्ली। अच्छी खबरों का दौर चल रहा है। कल खबरें थीं कि आईआईपी में सुधार हुआ है, महंगाई घटी है और टाटा संस को नया मुखिया मिल गया है। आज खबर आई है कि देश के बिजली क्षेत्र में सुधार को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय ऐटिंग एजेंसी ने इसकी साख में सुधार कर दिया है।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस-आईसीआरए रिपोर्ट में भारतीय बिजली क्षेत्र की रेटिंग को सुधारकर अगले 12-18 महीनों के लिए ‘स्थिर’ के साथ बीएए3 सकारात्मक कर दी है। कंपनी ने कहा कि यह घरेलू कोयले की उपलब्धता में निरंतर सुधार को दर्शाता है। मूडीज के उपाध्यक्ष अभिषेक त्यागी ने बताया कि वास्तव में हमने भारतीय बिजली क्षेत्र की रेटिंग नकारात्मक से बदलकर स्थिर की है, क्योंकि घरेलू कोयले के उत्पादन में वृद्धि से ईधन की आपूर्ति की बाधाओं में कमी आएगी।
उदय से सुधरेगी दशा
बीएए3 रेटिंग का मध्यम ऋण जोखिम को दर्शाता है। अमेरिकी क्रेडिट एजेंसी ने यह भी कहा कि भारत सरकार के ‘उज्जवल डिसकॉम एस्योरेंस योजना (उदय)’ के तहत अब तक 21 राज्यों की वितरण कंपनियों के कर्ज का पुर्नगठन किया गया है, जिससे इन कंपनियों की हालत सुधरेगी और वे बिजली उत्पादकों को समय से भुगतान कर पाएंगे।
विरोध के बाद उदय से जुड़ा तमिलनाडु
लंबे समय तक उदय योजना का विरोध करने के बाद तमिलनाडु इस योजना में शामिल होने वाला 21वां राज्य बना है। इसके तहत राज्य को कुल 11,000 करोड़ रुपये का लाभ लागत, बिजली वितरण और पारेषण नुकसान पर बचत के माध्यम से मिलेगा। मूडीज की भारतीय कंपनी आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि इन वितरण कंपनियों को कम लागत पर बिजली खरीद का भी फायदा मिलेगा, क्योंकि घरेलू कोयले की उपलब्धता में सुधार हुआ है।
गार्टनर ने वैश्विक आईटी खर्च बढ़ोत्तरी की बात कही
वैश्विक स्तर पर सूचना-प्रौद्योगिकी पर होनेवाला खर्च साल 2017 में 3,500 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 2.7 फीसदी अधिक है। बाजार शोध कंपनी गार्टनर ने गुरुवार को यह जानकारी दी। वैश्विक स्तर पर उपकरणों (पीसी, टैब्लेट, अल्ट्रामोबाइल तथा मोबाइल फोन) पर होने वाला खर्च साल 2017 में 589 अरब डॉलर रहने की संभावना है। गार्टनर में शोध उपाध्यक्ष जॉन-डेविड लवलॉक ने कहा कि सूचना-प्रौद्योगिकी में 2017 में खर्च बढ़ेगा और यह खोई चमक को पाने वाला साल होगा। वैश्विक बाजार में कुछ अनिश्चितता ने, देखो और इंतजार करो की स्थिति ला दी है, जिससे कई कंपनियां आईटी में निवेश करने से बचेंगी।
बिजली क्षेत्र के लिए भी आई अच्छी खबर

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