मुम्बई। टीसीएस और इनफोसिस के अच्छे वित्तीय परिणामों के बाद भी दोनों के शेयरों की पिटाई जारी है। ऐसे में जरूरी है जान लें कि दोनों कंपनियों के परिणामों की तुलना क्या है जिससे आगे के लिए सही फैसला लिया जा सके।
डालर आय में अंतर
तीसरी तिमाही में टीसीएस की डॉलर आय में 0.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है, लेकिन इंफोसिस की डॉलर आय में 1.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। तीसरी तिमाही में टीसीएस की कॉन्स्टैंट करेंसी ग्रोथ 2 फीसदी रही है, जबकि इंफोसिस के कॉन्स्टैंट करेंसी ग्रोथ में 0.3 फीसदी की गिरावट रही है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टीसीएस का मार्जिन 26 फीसदी पर बरकरार रहा है, जबकि इंफोसिस का मार्जिन 24.5 फीसदी के अनुमान के मुकाबले 25.09 फीसदी रहा है।
गाइडेंस लगभग समान
टीसीएस ने मार्जिन के 26-28 फीसदी के दायरे में कायम रहने का अनुमान जताया है। साथ ही टीसीएस के मैनेजमेंट के बयान पॉजिटिव रहे हैं। हालांकि इंफोसिस ने कॉन्स्टैंट करेंसी गाइडेंस 8.4-8.8 कर दिया है, जबकि पिछली बार 8.9 फीसदी का गाइडेंस दिया था।
सितंबर तिमाही नतीजों से अब तक टीसीएस का शेयर 5.5 फीसदी गिरा है, जबकि सितंबर तिमाही नतीजों से अब तक इंफोसिस का शेयर 3.3 फीसदी गिरा है। टीसीएस का वित्त वर्ष 2018 में अनुमानित ईपीएस 143 रुपये का है, जबकि कंपनी का पीई रेश्यो 16 गुना पर है। वहीं इंफोसिस का वित्त वर्ष 2018 में अनुमानित ईपीएस 67.5 रुपये का है, जबकि कंपनी का पीई रेश्यो 14.7 गुना पर है।
जानकारों की राय
फिनेथिक वेल्थ के हेड विवेक नेगी का कहना है कि कळ सेक्टर की दिग्गज कंपनियों के नतीजे अनुमान से बेहतर रहे है। हालांकि अमेरिका और यूरोप में चिंताएं अभी खत्म नहीं हुई है। लिहाजा निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
मायस्टॉकरिसर्च के हेड लोकेश उप्पल का कहना है कि इन्फोसिस और ऌउछ टेक के चार्ट लगभग एक-जैसे है। फिलहाल इन्फोसिस में ही खरीदारी करने की सलाह होगी।
इन्फोसिस में मौजूदा भाव पर और 995 रुपए का स्टॉपलॉस लगाकर खरीदारी की जा सकती है। शॉर्ट टर्म में 1063 के स्तर देखने को मिल सकता है। 15-20 रुपए का रिस्क मौजूदा भाव पर इन्फोसिस में लेना चाहिए।
इनफोसिस या टीसीएस कौन बेहतर

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