लखनऊ: उत्तर प्रदेश सियासत में सबसे बड़े घमासान के दौर से गुजर रही समाजवादी पार्टी में पार्टी सिंबल का विवाद अब चुनाव आयोग के फैसले पर टिक गया है। इस मामले को लेकर सपा के दोनों पक्ष शुक्रवार को चुनाव आयोग गए, करीब 4 घंटे तक सुनवाई चली। इस दौरान दोनों पक्षों ने आयोग के सामने अपना-अपना पक्ष रखा।
चुनाव आयोग ने सुरक्षित किया फैसला
पार्टी सिंबल की सुनवाई पूरी होने के बाद अखिलेश खेमे के वकील कपिल सिब्बल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “आयोग ने फैसला रिजर्व कर लिया है। जल्द ही पता चल जाएगा कि किस गुट को पार्टी सिंबल दिया जाना है।’
सूत्रों की मानें तो मुलायम खेमे ने चुनाव आयोग के समक्ष कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन की मीटिंग असंवैधानिक थी और रामगोपाल यादव बर्खास्त थे। सुनवाई के लिए मुलायम के साथ शिवपाल यादव चुनाव आयोग ऑफिस में मौजूद रहे। मुलायम पक्ष की तरफ से वकील एम सी ढींगरा, एन हरिहरन और मोहन परसरन मौजूद रहे।
साइकिल से मोटरसाइकिल पर सवार हो सकते हैं अखिलेश
पार्टी सिंबल को लेकर खबर आ रही है कि अगर अखिलेश गुट को ‘साइकिल’ नहीं मिली तो वे मोटरसाइकिल को सिंबल के तौर पर अपना सकते हैं। वहीं इस विवाद के मद्देनजर आयोग पार्टी के सिंबल को फ्रीज कर सकता है और दोनों धड़ों को एक ही नाम से चुनाव चिन्ह दिया जा सकता है।
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