नई दिल्ली। खादी भारत की पहचान रही है और इसका अपना एक इतिहास रहा है। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ‘स्वदेशी अपनाओ’ का नारे के तहत लोगों से खादी का इस्तेमाल करने की अपील की थी। खादी ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) द्वारा साल 2017 के लिए प्रकाशित कैलेंडर और टेबल डायरी से इस बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर हटा दी गई है। कैलेंडर में महात्मा गांधी की जगह पीएम मोदी ने ली है। कैलेंडर के कवर फोटो और डायरी में बड़े से चरखे पर खादी कातते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है। जिसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ कई तरह के सवाल किए और देखते ही देखते ट्विटर पर चरखाचोर मोदी ट्रेंड करने लगा।
चरखाचोर मोदी के नाम से ट्रेंड कर रहे पीएम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैलेंडर और डायरी के कवर फोटो को देखकर केवीआईसी के अधिकांश कर्मचारियों और अधिकारियों को झटका लगा है। इसमें मोदी को एक बड़े चरखे पर उसी तरह खादी बुनते देखा जा सकता है जो पहले कभी गांधी जी की मुद्रा हुआ करती थी।केवीआईसी के सालाना कैलेंडर और टेबल डायरी पर गांधी जी की जगह मोदी की तस्वीर लगाने पर पीएम मोदी पर कई तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं। वहीं, इस पर तुषार गांधी ने तंज कसे। गांधीजी के प्रपोत्र ने कहा कि अब समय आ गया है कि बापू केवीआईसी को राम-राम कह दें। तुषार गांधी ने कहा कि यूं भी केवीआईसी ने खादी और बापू दोनों की विरासत को कमजोर कर दिया है। ऐसे में मोदी को चाहिए कि वो इस कमीशन को निरस्त कर दें।
तुषार गांधी ने आरोप लगाया है कि मोदी को 10 लाख के सूट पसंद हैं और शायद खादी भी गरीबों की पहुंच से बाहर हो गई है। गांधी ने साफ किया कि ये उनकी नाराजगी नहीं बल्कि दर्द है। तुषार गांधी का कहना है कि जो लोग बापू के कातिल के हिमायती हैं उनके बारे में तुषार कुछ नहीं कहना चाहते। उनकी राय में स्वाधीनता संग्राम में कोई योगदान न करने वाले लोग खादी की अहमियत नहीं समझ सकते।
क्या कहना है केवीआईसी के चेयरमैन का
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि मोदी की इस तस्वीर में कुछ भी गलत नहीं है और गांधी जी इस मशहूर तस्वीर में पहली बार बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘पूरा खादी उद्योग गांधीजी के आदर्शों पर आधारित है इसलिए उन्हें नजरअंदाज करने का सवाल नहीं उठता। मोदी भी लंबे वक्त से खादी पहनते आ रहे हैं और इसे देश-विदेश में लोकप्रिय बनाने में उनका भी योगदान है। उन्होंने खादी को अपना अलग अंदाज दिया है।’
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