नई दिल्ली। नोट बंदी के विरोध से जूझ रही सरकार को दो अच्छी खबरें मिली हैं। पहली खबर है कि देश में औद्योगिक उत्पादन का हाल बताने वाला आईआईपी आंकड़ा नवम्बर माह में काफी अच्छा आया है। इसके अलावा महंगाई से जूझ रही सरकार को इसमें कमी की खबर मिली। इन खबरों से न सिर्फ सरकार खुश हो सकती है बल्कि शेयर बाजार को पॉजिटिव शुरुआत मिल सकती है।
नोटबंदी के चलते आर्थिक वृद्धि प्रभावित होने के अनुमान गलत साबित हुए हैं। नवंबर महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 5.7 पर्सेंट का इजाफा हुआ है, जबकि अक्टूबर में यह ग्रोथ 1.9 फीसदी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यह इजाफा खासतौर पर कैपिटल गुड्स उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते हुआ है। यही नहीं महंगाई के मोर्चे पर भी सरकार को बड़ी राहत मिली है और दिसंबर महीने में 3.63 प्रतिशत से घटकर 3.41 फीसदी हो गई।
उम्मीद से ज्यादा घटी महंगाई की दर
बीते दो सालों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का यह निचला स्तर है। इसकी सबसे बड़ी वजह खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी है। इससे पहले जानकारों का दावा था कि नवंबर में 3.63 प्रतिशत की खुदरा महंगाई दर के मुकाबले नवंबर में यह आंकड़ा 3.57 प्रतिशत हो जाएगा। इस लिहाज से यह अनुमान से अधिक गिरावट है।
मैन्युफैक्चरिंग में अच्छा उछाल
यही नहीं मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ में भी खासा उछाल देखने को मिला है और यह निगेटिव 2.4 से बढ़कर 5.5 पर्सेंट हो गई है। बेसिक गुड्स ग्रोथ भी 4.1 से बढ़कर 4.7 प्रतिशत हो गई है। दालों की महंगाई दर 0.23 पर्सेंट घटी है। कन्जयूमर ड्यूरेबल ग्रोथ 0.2 पर्सेंट बढ़कर 9.8 पर्सेंट हो गई है। कपड़े जूते की महंगाई 4.98 पर्सेंट से घटकर 4.88 पर्सेंट हुई है। हालांकि फ्यूल महंगाई दर 2.80 से बढ़कर 3.77 पर्सेंट के आंकड़े पर पहुंच गई है।
नोट बंदी की आशंकाओं के विपरीत आंकड़े
नोट बंदी के दौरान जानकार औद्योगिक उत्पादन में प्रभाव और छोटे उद्योगों की दिक्कतों की काफी बातें कर रहे थे। लेकिन आईआईपी के आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं। हालांकि अब जानकार कहने लगे हैं कि इन आंकड़ों में नोट बंदी के असर का पूरा प्रभाव नहीं आ पाया है। आगे के महीनों में इन आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।
नोट बंदी के माहौल के बीच आईं यह दो अच्छी खबरें

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