नई दिल्ली। नोट बंदी के 600 करोड़ रुपए जमा कराने में दिक्कत की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुब्रत राय सहारा को झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ साफ कहा कि यदि उन्हें जेल से बाहर रहना है तो 6 फरवरी तक सेबी के पास 600 करोड़ रुपए जमा करा दें। सुब्रत रॉय ने पैसा जमा कराने के लिए और समय दिए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।
पैरोर पर हैं बाहर
सहारा प्रमुख इस समय पैरोल पर जेल से बाहर हैं। मई में मां के देहांत पर कोर्ट ने उन्हें पैरोल पर रिहा किया था। सहारा ने नोटबंदी और आर्थिक सुस्ती का हवाला देते हुए पैसा जमा कराने के लिए और समय की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में सुब्रत रॉय को 6 फरवरी तक 600 करोड़ रुपए सेबी के पास जमा कराने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें सरेंडर करना होगा।
बहुत दे चुके समय
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि कोर्ट आपको बहुत अधिक समय दे चुकी है और आपके मामले में कई श्रम घंटे खर्च कर चुकी है। यह मामला 2012 में शुरू हुआ था और हम आपको कई अवसर दे चुके हैं और अब हम 2017 में हैं। पैसा जमा कराने के लिए अभी भी आपके पास पर्याप्त समय है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को लंदन के एक एकाउंट से 280 करोड़ रुपए सेबी को ट्रांसफर करने की अनुमति दे दी है।
विजय माल्या का दिया हवाला
कपिल सिब्बल ने विजय माल्या का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा कि देश छोड़कर भाग चुके माल्या बैंकों का 6,500 करोड़ रुपए लेकर मजे कर रहे हैं, जबकि सहारा ने बैंकों से एक रुपया भी नहीं लिया है। सुब्रत रॉय को मार्च 2014 में गिरफ्तार किया गया था। उनकी यह गिरफ्तारी लाखों निवेशकों का पैसा लौटाने के कोर्ट आदेश का पालन न करने के कारण हुई थी।
सुब्रत राय सहारा को कोर्ट का झटका

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