नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कारोबारियों को भरोसा दिलाया है कि नोट बंदी जैसे सरकार के फैसले अर्थ व्यवस्था में अच्छा असर डालेंगे। सरकार का इरादा हर फोरम पर निराशा के माहौल को खत्म करना है।
कर चोरी रुकेगी
जेटली ने कहा कि इससे कर चोरी रुकेगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यहां 16वें वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक के दौरान कहा कि हालांकि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं अभी नाजुक दौर में है, लेकिन भारत बुनियादी आर्थिक सुधार के कारण आज उनसे बेहतर स्थिति में है।
बजट के लिए दिए सुझाव
वित्तीय नियामकों ने आने वाले 2017-18 की बजट के लिए अपने सुझाव दिए हैं, जिस पर परिषद की बैठक में विचार विमर्श किया गया। परिषद ने इसके अलावा बैंकों के गैर निष्पादित परिसंपत्तियों और कमजोर परिसंपत्तियों से निपटने के लिए बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की। एफएसडीसी में सरकार और नियामकों द्वारा वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के उठाए गए विभिन्न पहलों के बारे में चर्चा की गई।
वरिष्ठ हुए शामिल
एफएसडीसी की बैठक में सभी वित्तीय नियामकों और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित आर पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव हसमुख अधिया, वित्तीय सेवा सचिव अंजुले चिब दुग्गल, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (डीआईपीएएम) के सचिव नीरज कुमार गुप्ता, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन, सेबी के अध्यक्ष यू. के. सिन्हा, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के अध्यक्ष टीएस विजयन, और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष हेमंत जी कांट्रेक्टर प्रमुख थे।
नोट बंदी का असर
नोट बंदी के बाद जीडीपी में जानकार गिरावट की आशंका जता रहे हैं। वित्त मंत्री इन्हीं आशंकाओं को दूर करने की कोशिश कर रहे थे। सरकार का इरादा कारोबारियों के बीच भरोसे का संकेत देने का है।
वित्त मंत्री का भरोसा नोट बंदी का रहेगा अच्छ असर

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