नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर सबको चौंकाते हुए टीम इंडिया की टी-20 और वनडे की कप्तानी छोड़ दी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी घोषणा की। हालांकि धोनी ने सिर्फ कप्तानी ही छोड़ी है, वह टीम में बने रहेंगे।
महेंद्र सिंह धोनी ने रचे कई इतिहास
बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने एक बयान में कहा है कि सभी क्रिकेट प्रशंसकों और बीसीसीआई की तरफ से मैं महेंद्र सिंह धौनी का भारतीय क्रिकेट को दिए उनके शानदार योगदान के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। उनकी कप्तानी में भारत ने क्रिकेट में नई ऊंचाईयों को छुआ। धौनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी आयोजनों में टीम को जीत दिलाई है। धौनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप का खिताब हासिल कर इतिहास रचा, और 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया।
धोनी का अब तक का करियर
एकदिवसीय में धोनी ने कुल 199 मैचों में टीम का नेतृत्व किया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धौनी ने टीम को कप्तान रहते कुल 110 मैचों में जीत दिलाई जबकि 74 मुकाबलों में उन्हें हार मिली। चार मुकाबले टाई और 11 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला। कप्तान रहते हुए एक बल्लेबाज के तौर पर भी धौनी कामयाब रहे। उन्होंने कप्तान रहते एकदिवसीय में 54 का औसत और 86 के स्ट्राइक रेट से 6,683 रन बनाए।
कप्तानी छोड़ने से पहले की प्रैक्टिस, लगा रहे थे लंबे-लंबे सिक्स
प्रैक्टिस के दौरान धोनी जबरदस्त टच में नजर आ रहे थे। झारखंड टीम का कोई भी ऐसा बॉलर नहीं था, जिसपर धोनी ने लंबे शॉट नहीं लगाए। उस वक्त किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि धोनी कप्तानी छोड़ने का फैसला ले चुके हैं। मौके पर मौजूद शख्स की मानें तो धोनी हमेशा की तरह कूल थे और टीम से बातचीत कर रहे थे। लगभग 6 बजे वे होटल लौटे। होटल सूत्रों की मानें तो वे आते ही रूम में चले गए। उसके बाद उन्हें किसी ने बाहर नहीं देखा।
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