लंदन। चीन ने लंदन के साथ रेल मार्ग के सहारे सम्पर्क कामय कर लिया है। चीन ने अपनी पहली मालगाड़ी को लंदन के लिए रवाना कर दिया है। सात देशों को पार करते हुए यह करीब 12 हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी। जानकार इसे चमत्कार मान रहे हैं।
अभी मालगाड़ी चलेंगी
फिलहाल, इस रेललाइन को चीन ने मालगाड़ी चलाने के लिए शुरू किया है। यह मालगाड़ी करीब 18 दिनों में चीन पहुंचेगी। रिपोट्र्स के मुताबिक चीन की यह रेललाइन दुनिया की सबसे बड़ी लाइन है, जो सात देशों की अर्थव्यवस्था को आपस में जोड़ने का काम करेगी।
घरेलू सामान लेकर चली मालगाड़ी
चाइना रेलवे कॉरपोरेशन (सीआरसी) ने अपने बयान में कहा कि चीन ने सोमवार को झेजियांग प्रांत में इंटरनेशनल कमोडिटी हब के रूप में प्रख्यात यीवू शहर से लंदन के लिए एक मालगाड़ी को रवाना किया है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक यीवू शहर से चलने वाली इस मालगाड़ी में घरेलू उपयोग की चीजें, गारमेंट्स, रेडीमेड कपड़े, बैग, सूटकेस आदि का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट किया जाएगा। यह मालगाड़ी कजाखस्तान, रूस, बेलारूस, पोलैंड, जर्मनी, बेल्जियम और फ्रांस होते हुए लंदन पहुंचेगी। इस रेललाइन के जरिए यूरोप में चीन और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के अलावा रिश्तों में मजबूती आएगी। इसके अलावा चीन अब आसानी से पश्चिमी यूरोप के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित कर सकेगा। वहीं इस पूरी परियोजना को कॉम्प्लेक्स फ्रोड और लॉजिस्टिक सर्विस मुहैया कराने वाली बर्नेल प्रोजेक्ट कार्गो का कहना है कि हवाई जहाज से सामान लाने के मुकाबले रेल से सामान लाना करीब 50 फीसदी सस्ता पड़ेगा। इसके अलावा इसमें समुद्री मार्ग से करीब आधा समय ही लगेगा।
चीन की परेशानी
साल 2015 के दौरान चीन में 2014 के मुकाबले निर्यात घटकर 2.27 ट्रिलियन डॉलर का रह गया था। 2014 में चीन कुल 2.34 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात किया था। वहीं, 2015 में चीन की आर्थिक वृद्धि 7.0 फीसदी से फिसलकर 6.5 फीसदी रह गया था। चीन अपनी इस कमजोरी को दूर करने के लिए इसीलिए इस तरह के बड़े कदम उठा रहा है। चीन को उम्मीद है कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर के ऐसे बड़े बड़े प्रोजेक्टों से अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करने में सफल रहेगा।
माल लाद कर लंदन को चली चीन की मालगाड़ी

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