बेंगलुरू। कर्नाटक के गृहमंत्री जी.परमेश्वर ने महिलाओं के पहनावे पर विवादित बयान दिया है। महिला आयोग और महिला संगठनों ने उनके इस बयान पर उंगली उठाई है। गृहमंत्री ने नए साल के जश्न में युवतियों से छेड़छाड़ की घटनाओं के लिए उनके पहनावे को जिम्मेदार ठहराया है।
महिलाओं से छेड़छाड़ पर गृहमंत्री जी.परमेश्वर ने उनके पहनावे को ठहराया जिम्मेदार
देश के महानगरों में शामिल बेंगलुरू के पॉश इलाके में न्यू ईयर पार्टी करना महिलाओं को भारी पड़ा। यहां महिलाएं को छेड़खानी और भद्दी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा, वो भी तब जब वहां भारी संख्या में पुलिस मौजूद थी। इतना ही नहीं राज्य के गृहमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए युवाओं के रहन-सहन के पश्चिमी तौर-तरीकों को जिम्मेदार बताकर और बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया।
1500 पुलिस वालों की मौजूदगी में हुई ये घटना
परमेश्वर ने कहा है कि क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान ऐसी घटनाएं होती हैं। ऐसे कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में युवा इकट्ठा होते हैं जो पश्चिमी रंग-ढंग में होते हैं। केवल वे मानसिकता में पश्चिमी शैली की नकल करते हैं बल्कि उसी तरह की ड्रेस भी पहने होते हैं। ये देखने की जरूरत है कि इस तरह के कार्यक्रम किस तरह से आयोजित और नियंत्रित किए जा रहे हैं। हम 10,000 पुलिस वाले तैनात नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने कहा कि छेड़छाड़ की घटनाएं ठीक बात नहीं हैं और हम इसे देखेंगे कि ऐसा दोबारा हो।
पुलिस के अफसरों ने कहा है कि वे आरोपियों की पहचान कर रहे हैं। घटना तब हुई जब जश्न के दौरान 1500 पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। उनकी मौजूदगी में हुड़दंगियों ने महिलाओं को गलत तरीके से छुआ और उन पर भद्दे कमेंट्स किए।
परमेश्वर के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने उनसे इस्तीफा मांगा है, साथ ही सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने मंत्री से पूछा कि क्या भारतीय पुरुष इतने कमजोर हैं कि वे महिलाओं को पश्चिमी ड्रेस में देखकर बेकाबू हो जाते हैं।
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