पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी पीएचसी में गर्भवती महिला के बंध्याकरण का मामला प्रकाश में आया है। पति के साथ पहुंची नवादा गांव की पीड़िता ने डीएम धर्मेंद्र सिंह ने इसकी शिकायत की है। पीएचसी की लापरवाही के कारण अब जच्चे-बच्चे की जान को खतरा बताया जा रहा है।
डॉक्टर की लापरवाही से हुआ ऑपरेशन
घटना जिले के नवादा गांव की है। बताया जा रहा है कि नवादा में रहने वाली एक गर्भवती महिला सरिता कुमारी का मुशहरी पीएचसी में डॉक्टर की लापरवाही से परिवार नियोजन का ऑपरेशन कर दिया। पीड़िता ने बताया कि वह एक दिसम्बर को परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराने मुशहरी पीएचसी पहुंची। ऑपरेशन के लिए उसे तीन दिसम्बर को बुलाया गया। तीन दिसम्बर को ऑपरेशन कर दिया गया। इसके बाद से पीड़िता के पेट में लगातार दर्द बना हुआ है। टांके वाले हिस्से में भी परेशानी है।
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शिकायत की तो डांटकर भगा दिया ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर
पीड़िता ने बताया कि जब वह पीएचसी प्रभारी व ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर शंकर साह से इसकी शिकायत की तो उन्होंने डांट फटकार कर भगा दिया और प्राइवेट डॉक्टर से दिखाने के लिए कहा। प्राइवेट डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने के बाद बताया कि वह सात सप्ताह की गर्भवती थी, इसी दौरान उसका ऑपरेशन कर दिया गया। मामले को देखते हुए पीड़िता के परिजनों के साथ सैकड़ों ग्रामीण के साथ मामले की गुहार लेकर मुजफ्फरपुर डीएम के पास पहुँच कर शिकायत की है। परिजनों ने डीएम से मुआवजे और दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।
डीएम से शिकायत करने के बाद भी निराश ही लगी हाथ
पीड़िता की शिकायत के बाद डीएम धर्मेंद्र सिंह ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा। वहां सिविल सर्जन के निर्देश पर उसका पुर्जा तो काटा गया, लेकिन पीड़िता के पति मुकेश कुमार ने बताया कि पूर्जा कटाने के बाद भी मरीज को किसी डॉक्टर ने नहीं देखा। निराश होकर वह घर लौट गया। डॉ. ललिता सिंह, सिविल सर्जन इस मामले पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए बताया है कि पीड़िता की जांच करायी जा रही है । रिपोर्ट आने के बाद ही गड़बड़ी की जानकारी मिलेगी। इस मामले में मुशहरी पीएचसी प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई है। बंध्याकरण के लिए ऑपरेशन से पहले अन्य जांचों के साथ गर्भ जांच भी कराना है।
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