नई दिल्ली। केन्द्र सरकार विनिवेश कार्यक्रम की राह पर तेजी से चल रही है। पूरे साल में विनिवेश के लक्ष्य का अभी तक 60 फीसदी हिस्सा जुटा लिया गया है। सरकार को आशा है कि विनिवेश का लक्ष्य आसानी से पूरा कर लिया जाएगा।
कई कंपनियों का नियंत्रण सरकार ने छोड़ा
बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार ने विनिवेश से अब तक 23,528.73 करोड़ रुपये इकट्ठा किया है, जिसमें से 21.432 करोड़ रुपये 14 सीपीएसई में अल्पमत हिस्सेदारी बेचने से मिले हैं। इसके अलावा 2096.35 करोड़ रुपये रणनीतिक विनिवेश के जरिये जुटाए गए हैं। इसके तहत सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी कम कर प्रबंधन नियंत्रण का स्थानांतरण कर दिया है।
विनिवेश लक्ष्य
बयान में कहा गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में 56,500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 36,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से और 20,500 करोड़ रुपये रणनीतिक निवेश के जरिए जुटाए जाएंगे। पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीति आयोग के उस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी थी, जिसमें सार्वजनिक उपक्रमों, जिनमें ऐसे उपक्रम भी शामिल हैं जो लाभ में चल रहे हैं, में हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री की सिफारिश की गई थी।
कच्चे तेल की कीमत 54.41 डॉलर प्रति बैरल
वहीं बजट घाटे पर कमी लाने के प्रयासों के पर कच्चे तेल के भाव बढ़ने से चिंता बढ़ रही है। भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 54.41 डॉलर प्रति बैरल रही। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीनस्थ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) द्वारा मंगलवार को यह जानकारी दी गई। रुपये के संदर्भ में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत सोमवार को बढ़कर 3701.40 रुपये प्रति बैरल हो गई, जबकि शुक्रवार को यह 3697.71 रुपये प्रति बैरल थी। रुपया सोमवार को कमजोर होकर 68.02 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को यह 67.95 रुपये प्रति डॉलर था।
विनिवेश लक्ष्य पर तेजी से कर रही केन्द्र सरकार

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