लखनऊ। यूपी की राजनीति लगातार उलझती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी के परिवार की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। पिता मुलायम और बेटे अखिलेश के बीच चल रहा दंगल अब सड़क पर आ गया है। नेता जी ने बड़ा फैसला लेते हुए बेटे अखिलेश को 6 साल के लिए सपा पार्टी से बाहर कर दिया। इसके साथ ही चाचा रामगोपाल को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इसी बीच एक नया मामला सामने आया है। जिसके बाद ये सारा खेल एक सोचा समझा ड्रामा लग रहा है।
पिता मुलायम और बेटे अखिलेश की लड़ाई पर सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के राजनीतिक रणनीतिकार प्रफेसर स्टीव जार्डिंग द्वारा इस साल 24 जुलाई को भेजे गए गए कथित ‘फर्जी’ ईमेल का मामला सामने आया है। जिसके बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या समाजवादी पार्टी में चल रहा झगड़ा फिक्स है? शुक्रवार को मुलायम द्वारा अखिलेश को पार्टी से बाहर किए जाने के कुछ ही देर बाद यह कथित मेल सामने आया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस ‘फर्जी’ ईमेल के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में शेयर किया गया। ईमेल में जो बातें लिखी गई हैं, उससे यह पता चलता है कि समाजवादी पार्टी में चल रहा झगड़ा फिक्स है। यह एक सोची समझी रणनीति है जिसके तहत चाचा (शिवपाल यादव) की कीमत पर अखिलेश की साफ छवि को और मजबूत बनाया जा रहा ताकि उन्हें भविष्य में पार्टी के नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जा सके।
Internal mail from Akhilesh's US advisor Steve Jarding leaked. US coach suggests war in SP is orchestrated to project CM as development icon pic.twitter.com/b2ff7twLTS
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) December 30, 2016
स्टीव एंड पार्टनर्स कंपनी ने ईमेल फर्जी बताया
हालांकि, हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब स्टीव एंड पार्टनर्स कंपनी के डिप्टी डायरेक्टर अद्वैत विक्रम सिंह से बात की तो उन्होंने ऐसा कोई ईमेल भेजे जाने की बात से साफ इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘यह ईमेल फर्जी है जो पहले से झगड़े में उलझी पार्टी को और मुसीबत में डालने के लिए रिलीज किया गया है।
रामगोपाल यादव ने नेता जी के इस फैसले को बताया असंवैधानिक
पार्टी से निष्कासन से आहत रामगोपाल यादव ने कहा कि नोटिस देने के आधे घण्टे के अंदर ही दोनों को बिना जवाब दिए पार्टी से निकाल दिया गया, लेकिन ये सर्वोच्च न्यायालय से भी बड़े हैं। जो नैसर्गिक नियम है उसके अनुसार बिना किसी के पक्ष को सुने कार्रवाई नहीं की जा सकती।
रामगोपाल यादव ने कहा कि ये सीएम और मेरे खिलाफ कार्रवाई असंवैधानिक है और गलत तथ्यों पर हैं। पार्टी का अध्यक्ष अगर असंवैधानिक काम करे तो कौन बुलाएगा सम्मेलन। उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सारा काम असंवैधानिक हो रहा है। बिना किसी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के ये तय नहीं किया जा सकता। पार्टी के संविधान के बारे में नेता जी को सब मालूम है।
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