चेन्नई। तमिलनाडु की सीएम जयललिता के निधन के बाद अब उन्हीं की करीबी शशिकला पुष्पा को पार्टी एआईडीएमके की महासचिव बना दिया गया है। ये फैसला गुरुवार यानि आज हुई जनरल काउंसिल बैठक में लिया गया। ये मीटिंग जयललिता का उत्तराधिकारी चुनने के लिए हुई थी, जिसमें एकमत से यह फैसला लिया गया।
शशिकला पुष्पा ने संभाली जयजलिता की कुर्सी, एकमत से लिया गया फैसला
अन्नाद्रमुक में पार्टी अध्यक्ष का पद नहीं है यहां जनरल सेक्रेटरी के रूप में जयललिता ही सर्वेसर्वा थीं और उनके निधन से यह पद खाली पड़ा है। जानकारों की नजर में शशिकला आंखे इसी पद पर गड़ी हैं। वो खुद या अपने सबसे विश्वस्त को ही रिमोर्ट कंट्रोल थमाना चाहती हैं।काउंसिल मीटिंग में कुल 14 प्रस्ताव पास किए गए। इसमें एक प्रस्ताव यह भी रहा कि जयललिता के जन्मदिन को “राष्ट्रीय किसान दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। इस बैठक में लोकसभा के डिप्टी स्पीकर एम थंबीदुरई, वरिष्ठ नेता एस रामचंद्रन, राज्य मंत्री, पार्टी एमएलए और सांसद शामिल थे।
जयललिता को मारने की कोशिश कर चुकी हैं शशिकला
शशिकला दो दशक तक जयललिता की परछाई की तरह रहीं। लेकिन 2011 में आरोप लगा कि शशिकला ने पति नटराजन को सीएम बनाने के लिए जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की। इसके बाद जयललिता ने शशिकला को अपने घर और पार्टी से निकाल दिया। यह अलगाव 100 दिन चला। शशिकला द्वारा माफी मांगने पर जयललिता ने उन्हें दोबारा दोस्त के तौर पर अपना लिया।
जब जयललिता का निधन हुआ तो शशिकला ने ही भतीजे दीपक के साथ अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं। सीएम पन्नीरसेल्वम की बजाय शशिकला अम्मा के ज्यादा नजदीक नजर आईं। राजाजी हॉल में भी पूरे वक्त शशिकला ही जयललिता की पार्थिव देह के पास रहीं। जब अंतिम यात्रा मरीना बीच के लिए रवाना हुई तो शव वाहन में भी शशिकला बैठी हुई थीं। पार्टी वर्कर्स ने शशिकला चिन्नम्मा (छोटी मां) नाम दिया है।
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