नई दिल्ली। कैस्टेलानोज ने भारत में नोट बंदी के बाद प्रति सप्ताह 50000 रुपये की निकासी की सीमा हटाये जाने के लिए कहा है। डॉमिनिक गणराज्य के राजदूत फ्रैंक हैंस डैनेनबर्ग कैस्टेलानोज ने कहा कि भारत की पाबंदी से कई दूतावास निराश हैं और वे अपने देशों में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ऐसे ही कदमों की संभावना पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि इस मुद्दे का जल्द ही समाधान हो जाएगा और विदेशी सरकारों द्वारा ऐसी कार्रवाई की जरुरत नहीं पड़ेगी।
भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ऐसे कदमों पर होगा विचार
डीन आफ डिप्लोमैटिक कोर ने बुधवार को भारत से कहा कि वह बैंकों से धनराशि निकासी सीमा में ढील दे और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हस्तक्षेप करेंगे क्योंकि काफी संख्या में विदेशी मिशन नोटबंदी के मद्देनजर धनराशि की कमी का सामना कर रहे हैं। डॉमिनिक गणराज्य के राजदूत फ्रैंक हैंन डैनेनबर्ग कैस्टेलानोस ने कहा कि विदेशी मिशनों को दिन प्रतिदिन के कामकाज के लिए उनकी धनराशि तक पहुंच होनी चाहिए तथा सप्ताह में 50 हजार रुपए निकासी की सीमा अपर्याप्त है, इसे हटाया जाना चाहिए। रूसी राजदूत अलेक्जेंडर कदाकिन ने सरकार को लिखे पत्र में नकदी निकासी सीमा लगाने को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि इससे उनके दूतावास का कामकाज बुरी तरीके से प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कहा कि डीन आफ डिप्लोमैटिक कोर के तौर पर वह सरकार पर इसके लिए प्रभाव डालने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं कि वह अपने निर्णय की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि ईरान, सूडान और क्यूबा सहित कई देशों के नागरिक जो बड़ी संख्या में भारत आते हैं, उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इन देशों में बैंकिंग प्रणाली पर रोक के चलते उनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड नहीं हैं।
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