यूपी चुनाव: दलितों को लुभाने के लिए राहुल गांधी ने बनाया सबसे बड़ा प्लान
2017 में
होने जा रहे UP ELECTION को देखते हुए दलितों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए CONGRESS ने जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी है। जहां एक ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनरल सेक्रेट्री गुलाम नबी आजाद, राज्य अध्यक्ष राज बब्बर, प्रमोद तिवारी और संजय सिंह संसद में व्यस्त हैं, वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर एक प्लान तैयार किया है। पार्टी ने 85 टीमें बनाई हैं। ये टीमें चार दिसंबर से आरक्षित सीटों वाले क्षेत्रों का दौरा करेंगी। टीमें एक दिन एक गांव में जाएंगी और दलितों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएंगी।
कांग्रेस ने यह कदम पार्टी को दलित हितैषी बनाने के लिए उठाया है। कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि इसके जरिए वे भाजपा को दलित विरोधी बना साबित कर सके। इसके लिए कांग्रेस रोहित वेमुला केस, उना घटना और आरएसएस प्रमुख का आरक्षण पर बयान के मुद्दे को उठाया जाएगा। बता दें, यूपी चुनाव में कांग्रेस इसके साथ ही जाति समीकरणों के सहारे जीत हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। हाल ही में पार्टी ने ऐलान किया था कि अगर कांग्रेस को वोट दिया तो वह 27 फीसदी के ओबीसी कोटे में ही अति पिछड़ा वर्ग की जातियों (MBCs) के लिए विशेष कोटा देगी। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यह वादा विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाएगा।
ऐसा पहली बार नहीं जब कांग्रेस ने ऐसा कोई वादा किया है। 2012 के यूपी चुनावों के लिए अपने घोषणा पत्र में भी कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों के भीतर अति दलितों तथा MBC के लिए उप-कोटा देने की बात कही थी। कांग्रेस ने आर्थिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों के लिए उप-कोटा पर भी विचार करने की बात कही थी। लेकिन इन वायदों का चुनाव में कोई खास असर नहीं हुआ। शनिवार को पार्टी ने इस विचार को इस उम्मीद के साथ फिर से हवा दी कि शायद इससे MBC और अति-अति पिछड़ी जातियों (EBCs) का समर्थन हासिल हो जाए। इन समूहों के बारे में कांग्रेस का मानना है कि 27 फीसदी के ओबीसी कोटे का फायदा उनको नहीं मिला है, ज्यादातर फायदा एक-दो जातियां उठाने में कामयाब रही हैं।
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