नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी आज एक बार फिर ‘मन की बात’ कर रहे हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम का ये 25वां प्रसारण है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सबसे पहले देशवासियों को दिवाली की शुभकामना दी।
पीएम मोदी ने देश की रक्षा के लिए सरहद पर तैनात जवानों के हौसले पर भी अपना विचार रखा। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री हर महीने के अंतिम रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री अलग-अलग मुद्दों पर देशवासियों से बात करते हैं।
जानिए देश से क्या कहा पीएम मोदी ने पीएम ने यह दिवाली सेना के जवानों को समर्पित किया। #Sandesh2Soldiers से देशवासियों ने जवानों को संदेश भेजे। एक संदेश में सामर्थ्य बढ़ जाता है और देश ने कर दिखाया। सेना के जवान सिर्फ सीमा पर नहीं, जिंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं। ITBP जवान विकास ठाकुर ने 57,000 पंचायत प्रधान को दे दिया और कहा कि जिन 57 घरों में शौचालय नहीं बना है, शौचालय बना दीजिए। मैं हरियाणा प्रदेश का अभिनंदन करना चाहता हूं कि उन्होंने एक बीड़ा उठाया है. हरियाणा प्रदेश को कैरोसिन मुक्त करने का। गांधीजी कहते थे जब भी योजना बनाए तो पहले गरीब का चेहरा याद करें फिर तय करें कि जो करने जा रहे हैं, उससे गरीब को लाभ होगा कि नहीं। हमारी पुरानी सोच कुछ भी क्यों न हो, लेकिन समाज को बेटे-बेटी के भेद से मुक्त करना ही होगा। सरकार की तरफ से टीकाकरण तो होता ही है, लेकिन फिर भी लाखों बच्चे टीकाकरण से छूट जाते हैं। बीमारी के शिकार हो जाते हैं। कोशिश है 5 करोड़ परिवारों को धुएं से मुक्त जिंदगी देने के लिये जो लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाती है।।
31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म-जयंती का पर्व है, साथ ही श्रीमती गांधी की पुण्यतिथि भी है मीडिया ने भी इस दीपोत्सव को सेना के प्रति आभार व्यक्त करने के अवसर में पलट दिया। हमारे जवान किस-किस प्रकार से कष्ट झेलते हैं। हम जब दिवाली मना रहे हैं, कोई रेगिस्तान में खड़ा है, कोई हिमालय की चोटियों पर। हर देशवासी के दिल में जवानों के प्रति प्यार और गौरव है जिस प्रकार से उसकी अभिव्यक्ति हुई है, ये हर देशवासी को ताकत देने वाली है। यह दिवाली सुरक्षा बलों के नाम पर समर्पित हो। दीपावली, ये प्रकाश का पर्व, विश्व समुदाय को भी अंधकार से प्रकाश की ओर लाए जाने का एक प्रेरणा उत्सव बन रहा है। दिवाली स्वच्छता का अभियान भी है। समय की मांग है कि पूरे परिसर की सफाई, पूरे गांव की सफाई, इस परंपरा को विस्तृत करना है। आजकल हम संडे को छुट्टी मनाते हैं, लेकिन सदियों से हमारे यहां परम्परा थीं, पूर्णिमा और अमावस्या को छुट्टी मनाने की। देशवासियों को दी दिवाली की शुभकामनाएं। देशवासियों को उत्साह के साथ दिवाली मनाने की अपील की। हमारे देश में 365 दिन उत्सव होता है। हमारा हर एक पर्व शिक्षा का संदेश देता है। दिवाली बुराइयों को मिटाने का पर्व है।भारतीय जनजीवन में उत्सव का दूसरा नाम दिवाली है। दिवाली पर स्वच्छता अभियान होता है। विदेशों में भी दिवाली की धूम है। सिंगापुर की सांसदों ने भी दिवाली मनाई।
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