पटना। बिहार की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज आरोप लगाया और कहा कि पहले राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन फिर इसी पार्टी के विधायक राजबल्लभ यादव और अब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की विधान पार्षद के पुत्र रॉकी यादव को राज्य में सत्तारूढ महागठबंधन सरकार की मदद से इन अपराधियों को जमानत मिली है।
भाजपा विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि जब रॉकी यादव को उच्च न्यायालय से जमानत दी जा रही थी तब महाधिवक्ता (एडवोकेट जेनरल) , अपर महाधिवक्ता (एडिशनल एडवोकेट जेनरल ) और लोक अभियोजक (पीपी) कहां थे। जब रॉकी की जमानत की पैरवी जाने माने वकील कर रहे थे तो विरोध में अपर लोक अभियोजक (एपीपी) को क्यों खड़ा किया गया।
मोदी ने कहा कि दरअसल राज्य सरकार जमानत के विरोध का दिखावा कर रही है। जब शराबबंदी की पैरवी के लिए देश के प्रसिद्ध वकील राजीव धवन और संग्रहालय मामले में नागेश्वर राव को बुलाया जा सकता था तो रॉकी,राजबल्लभ और शहाबुद्दीन की जमानत के विरोध के लिए क्यों नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि गया के जानेमाने व्यवसायी पुत्र आदित्य सचदेवा हत्याकांड के सह अभियुक्त टेनी यादव अभी भी जेल में हैं, फिर मुख्य अभियुक्त रॉकी को जमानत कैसे मिल गई।
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार ने आदित्य सचदेवा हत्याकांड के मामले में स्पीडी ट्रायल चलाने का वादा किया था। इस हत्याकांड के छह माह बाद भी आज तक न तो आरोप पत्र दाखिल किया गया और न ही स्पीडी ट्रायल ही शुरू हो पाई। उन्होंने कहा कि पूर्व सासंद शहाबुद्दीन से लेकर राजद विधायक राजबल्लभ तक के मामले में एक ओर तो राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय जाने का नाटक कर रही है वहीं दूसरी ओर राजद के लोग सीवान जिले के अलग-अलग प्रखंडों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि राजद के मनेर से विधायक भाई विरेन्द्र आरोपी रॉकी यादव के पक्ष में खड़े हैं। रॉकी यादव को सरकार इसलिए मदद कर रही है कि उसकी मां मनोरमा देवी जदयू की विधान पार्षद तो पिता बिन्दी यादव राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रॉकी यादव की जमानत के बाद गया का सचदेवा परिवार दहशत में है।
बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि बिन्दी यादव और राजद अध्यक्ष यादव में क्या संबंध है। उन्होंने कहा कि सरकार राजद अध्यक्ष को नाराज करना नहीं चाह रही है, इसलिए उनके लोगों को बचाने और जमानत दिलाने के लिए न्यायालय में कमजोर वकीलों को खड़ा कर मदद कर रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या सत्तारूढ दल के सारे आरोपियों को जमानत दिलवा कर मुख्यमंत्री कुमार प्रदेश में कानून का राज कायम करना चाहते हैं।
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