जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार ने राज्य में जारी हिंसा में कथित रूप से भूमिका के आरोप में 12 अधिकारियों को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों बर्खास्त कर दिया है। वहीं, 100 से ज्यादा लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार कई और अधिकारी बर्खास्त किए जा सकते हैं।
12 सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त करने का आदेश बुधवार की शाम को ही आया था। जिन अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है उनमें मिड लेवल के पटवारी, भूमि रेवेन्यू से जूड़े अधिकारी और शिक्षक शामिल हैं।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सरकार ने राज्य की पुलिस और सीआईडी की जांच के बाद यह कार्रवाई की है। इनमें से कई अधिकारियों को पब्लिक सर्विस एक्ट (पीएसए) के तहत कार्रवाई होने पर बर्खास्त किया गया है। यह एक्ट लोगों को बिना किसी ट्रायल के छह महीने जेल की सजा की अनुमति देता है। राज्य सरकार ने राज्य के संविधान के आर्टिकल 126 के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
बताते चलें कि बीते 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर में जारी हिंसा में अबतक तकरीबन 90 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 12,000 लोग बुरी तरह से घायल हो चुके हैं। सरकार का दावा है कि हिंसक प्रदर्शन और पत्थरबाजी पूर्व नियोजित है और इसे पाकिस्तान सह दे रहा है।
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