नयी दिल्ली: सुरक्षा संबंधों को बढाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए भारत-म्यामां ने 1640 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करने समेत विविध क्षेत्रों में सहयोग बढाने का निर्णय किया, साथ ही दोनों पड़ोसी देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का वित्त पोषण करने या समर्थन करने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और म्यामां की शीर्ष नेता आंग सान सू ची ने आज बातचीत की जिसमें दोनों देशों के बीच सुरक्षा और कारोबारी रिश्ते प्रगाढ़ करने समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा की गयी. दोनों देशों ने ऊर्जा, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में तीन समझौतों पर दस्तखत किए. दोनों ने तेल एवं गैस, कृषि, अक्षय उर्जा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में सहयोग बढाने का फैसला किया.
सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के सत्ता में आने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. वह देश की स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री हैं. म्यांमा की नेता का स्वागत करते हुए मोदी ने भारत को उनका दूसरा घर बताया और आश्वासन दिया कि ‘‘भारत और उसकी दोस्ती आपके साथ समर्थन और एकजुटता में खड़े रहेंगे.’ प्रधानमंत्री ने एक मीडिया बयान में सू ची को ‘प्रतिष्ठित नेता’ बताया. उल्लेखनीय है कि सू ची ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपना स्नातक किया था.
Facebook
Twitter
Google+
RSS