नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का बंधक संकट खत्म हो गया है. 24 घंटे बाद वीसी समेत दूसरे प्रशासनिक अधिकारी अपने दफ्तर से निकल पाए हैं. वीसी का घेराव कर रहे छात्रों ने उन्हें दफ्तर से निकलने दिया है. बुधवार दोपहर से ही छात्र सी समेत दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव कर रहे थे और उन्हें दफ्तर से बाहर नहीं निकलने दे रहे थे.
याद रहे कि जेएनयू एक बार फिर विवादों में है. एक छात्र के लापता होने के बाद से जेएनयू में हंगामा बरपा है. वीसी समते दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों के बंधक के सवाल पर छात्रों का दावा है कि उन्होंने किसी को बंधक नहीं बनाया था.
इसबीच लापता छात्र को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के पुलिस से रिपोर्ट तलब की. गृह मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त आलोक कुमार वर्मा से मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
इससे पहले, वीसी एम. जगदीश कुमार ने आरोप लगाया था कि उनको और उनके सहकर्मियों को बंधक बना कर रखा गया है. उन्हें डायबटीज की बीमारी है लेकिन, इसके बावजूद उन्हें जाने नहीं दिया गया. एम. जगदीश कुमार ने एबीपी न्यूज से कहा था कि इस मसले को लेकर एकेडमिक काउंसिल की एक उच्चस्तरीय बैठक होगी, और यदि उसमें उन्हें जाने से रोका जाएगा तो पुलिस को भी सूचना दी जाएगी.
एम. जगदीश कुमार ने सुबह करीब 11 बजे पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वे रातभर बंधक बने रहे और सभी को जमीन पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ा. लापता छात्र से उन्होंने अपील की कि वह जहां कहीं हो वापस आ जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि उसे डरने की कोई जरूरत नहीं. वीसी के अनुसार प्रदर्शन कर रहे छात्र बात मानने को तैयार नहीं हैं.
आरोप से छात्रों का खंडन
इसके उलट धरना दे रहे छात्रों ने बंधक बनाए जाने के आरोपों का खंडन किया है. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अकबर चौधरी ने कहा है कि छात्र वहां पर सिर्फ अपनी मांग लेकर बैठे हुए हैं. उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि कोई भी यहां से जा सकता है. अकबर ने दावा किया कि जेएनयू प्रशासन ने छात्र के लापता होने के मामले में लापरवाही की है और अब अपने बचाव में ‘बंधक’ बनने की बातें कह रहे हैं.
गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी का एक छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर से लापता है. उसी की गुमशुदगी को लेकर बीती रात छात्रों ने हंगामा खड़ा कर दिया. यूनिवर्सिटी के एक छात्र संगठन का आरोप है कि प्रशासन नजीब के मामले में चुप्पी साधे हुए है. नजीब अहमद जेएनयू में बायोटेक्नोलॉजी का छात्र है. आरोपों के मुताबिक 14 अक्टूबर को माही मांडवी हॉस्टल में एबीवीपी के एक छात्र के साथ उसकी झड़प हुई, जिसके अगले दिन से वो लापता है.
बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) का छात्र संगठन एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने लापता छात्र पर ही मारपीट का आरोप लगाया था. लेकिन, उसके गायब होने के बाद से जेएनयूएसयू (जवाहर लाल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन) इस मुद्दे पर एबीवीपी को ही घेरने में लगा हुआ है.
पुलिस ने नजीब अहमद का पता लगाने के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं और उसकी ख़बर देने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम देने का एलान किया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से जेएनयू के हालात की पूरी जानकारी ली है.
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