वाशिंगटन: एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि चंद्रमा हर 81 हजार साल में अपना रूप बदलता है। उसके रूप में यह बदलाव धूमकेतुओं और क्षुद्र ग्रहों की बमबारी से उसकी सतह पर होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है। इस बदलाव की गति अब तक सोची गई गति से सौ गुना ज्यादा तेज है।
इस अध्ययन में नासा के अंतरिक्ष यान से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। धूमकेतुओं, क्षुद्रग्रहों और इनसे जुड़े अंश चंद्रमा की सतह पर कुछ बनाते हैं तो कुछ हटाते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इनसे बने गड्ढों का मूल इस्तेमाल भौगोलिक इकाइयों की आयु का पता लगाने में किया जाता है।
गड्ढों की संख्या और वापस आने वाले नमूनों की रेडियोमीट्रिक उम्र से चंद्रमा पर मौजूद चीजों और सौरमंडल की अन्य चीजों की आयु के आकलन में मदद मिलती है। अमेरिका की एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और कोर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नासा के लूनार रीकानसन्स ऑर्बिटर कैमेरा द्वारा ली गई ‘पहले और बाद’ की तस्वीरों का आकलन किया था। शोधकर्ताओं ने नए प्रभाव वाले 222 गड्ढों की पहचान की और पूर्व के मॉडलों द्वारा बताई गई संख्या की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा गड्ढे देखे। यह अध्ययन नेचर नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया।
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