खबर केरल के कोझिकोड की है जहां एक सलाफी (कट्टर इस्लाम का संदेश देने वाला) धर्मोपदेशक ने मुस्लिम अभिभावकों से अपने बच्चों को मुख्यधारा के स्कूलों में नहीं भेजने के लिए कहा है। इस मौलवी का कहना है कि मुख्यधारा के स्कूलों में पढ़ने से मुस्लिम बच्चे इस्लाम और अल्लाह से दूर हो जाते हैं और काफिर बन जाते हैं। इस धर्मोपदेशक ने मुस्लिम अभिभावकों से बच्चों को अपने घर में ही इस्लामिक तौर तरीकों से शिक्षा देने की सलाह दी है। टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक धर्मोपदेशक के इस संदेश वाला आॅडियो एक इस्लामिक लर्निंग वेबपोर्टल edawa.net पर अपलोड किया गया है।
इस आॅडियो में धर्मोपदेशक कह रहा है, ‘कक्षा दसवीं के जीव विज्ञान की किताब में इंसान के उत्पत्ती के बारे में दो बाते बतायी गई हैं। उसमें लिखा गया है कि इंसान को भगवान ने बनाया जो मात्र एक कल्पना है और दूसरा यह कि हम एप्स से विकसित होकर इंसान बने हैं। किताब में बताया गया है कि हमारे पूर्वज एप्स थे। लेकिन हम आदम के वंशज है।’ इस एक घंटे के आॅडियो में धर्मोपदेशक मुस्लिम अभिभावकों से यह अपील कर रहा है कि वे अपने बच्चों को अल्लाह के दिखाए गए रास्ते पर चलने के लिए बाध्य करें। हालांकि, इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि यह आॅडियो कहा रिकॉर्ड किया गया है। आॅडियो का शीर्षक है ‘वी शुडनॉट लेट देम टेक आॅर चिल्ड्रेन’ मतलब ‘हमें अपने बच्चों को उन्हें नहीं ले जाने देना चाहिए।’
Facebook
Twitter
Google+
RSS