केरल के उद्योग मंत्री ई.पी. जयराजन ने सरकारी पदों पर अपने संबंधियों की नियुक्ति के आरोपों की वजह से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। नियुक्तियों की रिपोर्ट के सामने के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस, दोनों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता जयराजन के इस्तीफे की मांग कर रही थीं।
दूसरी ओर केरल के सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (वीएससीबी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में राज्य के पूर्व उद्योग मंत्री ई पी जयराजन के रिश्तेदारों की विवादित नियुक्तियों की एक प्राथमिक जांच करने का आदेश दिया है। ब्यूरो ने इस बात की जानकारी यहां विशेष अदालत को दी, जो एक निजी याचिका की सुनवाई कर रही थी। याचिका के जरिए एक प्राथमिकी दर्ज करने और कथित नियुक्तियों की जांच का आदेश देने की मांग की गई है।
विपक्षी दल इस मुददे पर राज्य सरकार को निशाना बना रही हैं। ऐसे में एलडीएफ सरकार ने गुरुवार को यह फैसला किया कि राज्य में पीएसयू में अहम पदों पर नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद को रोकने के लिए एक कानून लाया जाएगा। सतर्कता अदालत में दर्ज शिकायत में दलील दी गई है कि भाई-भतीजावाद के चलते भ्रष्टाचार हुआ। इसने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी एक मामला दर्ज करने की मांग की है।
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