नोएडा (जेएनएन)। नोेएडा से गिरफ्तार 9 नक्सलियों को लेकर जहां तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीं यूपी एंटी टेरेरिस्ट स्कवॉयड, एटीएस, आज दोपहर पत्रकार वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा करेगी। ATS इस बात का भी पर्दाफाश करेगी कि सभी नक्सलियों के यहां छिपने का राज क्या था ?
यहां पर याद दिला दें कि एटीएस ने शनिवार रात सेक्टर 49 स्थित हिंडन विहार के एक फ्लैट में छिपे नौ नक्सलियों को गिरफ्तार कर दिल्ली-एनसीआर में सिलसिलेवार आपराधिक घटनाओं की साजिश को नाकाम कर दिया। नक्सलियों से बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद हुए हैं।
नोएडा मेें छिपे थे नक्सली
यूपी एटीएस रविवार को पूरे नेटवर्क और साजिश का पर्दाफाश करेगी। आइजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि पिछले कुछ समय से नोएडा में नक्सलियों के छिपे होने की सूचना थी। करीब एक माह से टीम इन पर नजर रख रही थी। ये लोग अपना नाम बदल कर सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे।
हिंडन विहार की इस बिल्डिंग में दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर वीके सिंह भी रहते हैं। लेकिन उन्हें इसकी भनक नहीं थी। सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए नक्सलियों की पहचान मधुबनी बिहार के रहने वाले पवन उर्फ भाई जी, चंदौली के रहने वाले रंजीत पासवान (बम बनाने में हैं निपुण), बिलासपुर ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन कुमार, सासाराम बिहार के रहने वाले कृष्णा कुमार राम, (बम बनाने में माहिर), बुलंदशहर के रहने वाले सूरज (स्थानीय संपर्को), अलीगढ़ के रहने वाले आशीष के रूप में हुई है। पवन के ही प्रदीप होने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदीप कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) लातेहार का एरिया कमांडर बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार ने प्रदीप पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। जबकि तीन नक्सलियों की पहचान नहीं हुई है।
हालांकि, गिरफ्तार नक्सलियों के नाम की पुष्टि एटीएस ने नहीं की है। इनसे छह पिस्टल और 50 से अधिक कारतूस सहित अन्य सामान बरामद होने की बात सामने आ रही है। एक वैगनआर कार भी बरामद की गई है। पड़ोसियों ने बताया कि वे इस फ्लैट में एक माह से रह रहे थे। प्रदीप 2012 से ही नोएडा में था।
ये लोग दिल्ली-एनसीआर में सिलसिलेवार घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। इसके बाद इनकी कैमूर भभुआ, बिहार भागने की योजना थी। इनसे मिलने के लिए मुंबई और अन्य प्रदेशों से इनके साथी आते रहते थे। सर्विलांस से मिली जानकारी के आधार पर एटीएस ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया है। आसपास रहने वालों ने बताया कि ये किसी से बात नहीं करते थे।
जिस फ्लैट में ये रह रहे थे वह अहिंसा खंड, इंदिरापुरम के रहने वाले वेणू का है। इन्होंने फ्लैट प्रॉपर्टी डीलर के माध्यम से दिया था। इसमें एक महिला भी रहती थी जो शनिवार को मौजूद नहीं थी। यह फ्लैट ओखला के डॉक्टर कयूम का बताया गया है।
नक्सली कमांडर भी
झारखंड के लातेहार का रहने वाला नक्सली कमांडर प्रदीप कुमा सिंह भी शामिल है। वह वर्ष 2012 से नोएडा में नाम बदलकर रह रहा था। इन आरोपियों ने आठ हजार रुपये प्रति माह पर फ्लैट किराये पर लिया था। यह फ्लैट इंदिरापुरम के एक व्यक्ति का है।
बम बनाने के दो एक्सपर्ट
सूत्रों के मुताबिक इन नक्सलियों में दो लड़के बम बनाने में भी एक्सपर्ट हैं। झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में लड़कों की बाकायदा ट्रेनिंग हुई है। ऐसे में खुफिया एजेंसियां भी इन नक्सलियों से पूछताछ कर सकती हैं। नोएडा में एक साथ छह नक्सलियों के पकड़े जाने के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
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