स्टॉकहोम। बुधवार को रसायन विज्ञान के लिए वर्ष 2016 के नेाबेल पुरस्कार का ऐलान कर दिया गसा। फ्रांस के ज्यां-पियरे सोवेज, ब्रिटेन के जे फ्रैसर स्टाडर्ट और नीदरलैंड के बर्नार्ड फेरिंगा को इस वर्ष रसायन विज्ञान के नोबेल से सम्मानित किया जाएगा। इन तीनों ने आणविक मशीनों के विकास के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीता।
क्यों मिला है नोबेल पुरस्कार
पुरस्कार का चयन करने वाली ज्यूरी की ओर से बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि इन तीनों वैज्ञानिकों ने नियंत्रणीय गति के साथ अणुओं का विकास किया जो ऊर्जा के संचार होने पर किसी लक्ष्य को पूरा कर सकती हैं।
आणविक मोटर उसी स्तर का है जो सन 1830 में इलेक्ट्रॉनिक मोटर का था जब वैज्ञानिकों ने कई घूमते क्रैंक और पहियों को पेश किया था, हालांकि वैाानिक इस बात से अनजान नहीं थे कि वे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन, वाशिंग मशीन, पंखों और फूड
प्रोसेसर की बुनियाद रख रहे हैं।
कितनी पुरस्कार राशि
ज्यूरी ने कहा कि आणविक मशीनें नई सामाग्री, सेंसर और ऊर्जा भंडारण प्रणाली जैसी चीजों के विकास में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।
तीनों को 80 करोड़ क्रोनर या 933,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि साझा करेंगे। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बताया कि इन लोगों ने नियंत्रणीय गति के साथ अणुओं के डिजाइन एवं संश्लेषण के लिए यह पुरस्कार अपने नाम किया है।
इस हफ्ते घोषित तीसरा पुरस्कार
रसायन विज्ञान का यह पुरस्कार विज्ञान के क्षेत्र में इस साल आखिरी नोबेल पुरस्कार और इस सप्ताह घोषित तीसरा नोबेल पुरस्कार है।
ब्रिटिश वैज्ञानिकों डेविड थाउलेस, डंकन हालडेन और माइकल कोस्टेरलिट्ज को मंगलवार को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीता। चिकित्सा का नोबेल जापानी जीव वैज्ञानिक योशिनरी ओहसुमी के खाते में गया।
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