नई दिल्ली। अफगानिस्तान ने भारत की ओर से गुलाम कश्मीर में सात आतंकवादी केंद्रों पर किए गए सर्जिकल हमले का समर्थन किया है। उसने इस कार्रवाई को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम और पाकिस्तान को दिया गया कड़ा संदेश कहा है। अफगानिस्तान ने जोर देकर कहा है कि आतंकवाद से निपटने के लिए कठिन और जोखिम भरे फैसले लेने का समय आ गया है।
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शाइदा अब्दाली ने कहा कि उनका देश आतंकवादी समूहों में कोई अंतर नहीं मानता है। दुनिया के किसी भी देश के लिए खतरा और भय का कारण बने ऐसे सभी संगठनों के खिलाफ है।
सर्जिकल हमले पर अब्दाली ने कहा, “हमें उम्मीद है कि कोई भी देश अपने क्षेत्र को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं बनने देगा। इन आतंकवादियों का पड़ोसी देश के खिलाफ इस्तेमाल भी नहीं करना चाहेगा।”
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सर्जिकल हमले की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “यदि आतंकवादी समूह मौजूद रहते हैं तो जिस तरह की कार्रवाई हमने देखी है वैसी ही कार्रवाई उनके खिलाफ आत्मरक्षा में होने पर कोई हैरत की बात नहीं होगी।”
पाकिस्तान पर पड़ोसियों का भरोसा उठा
अफगानिस्तानी राजनयिक ने कहा है कि पाकिस्तान पर से उसके पड़ोसियों का भरोसा उठ गया है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपने राजनीतिक लक्ष्यों को साधने के लिए हिंसा का प्रयोग करने की नीति में विश्वास रखता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकल ने कहा कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच दुर्भाग्यपूर्ण तनाव का अंत चाहते हैं।
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