नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को आदेश दिया है कि वह अगले तीन दिन तक तमिलनाडु के लिए 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़े। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक सरकार के वकील से कहा कि,यह सुनिश्चित करें कि आपका क्लाइंट आदेश मानें। कोर्ट ने कर्नाटक को उसके आदेश की अवमानना करने के लिए चेतावनी भी दी।
अदालत ने केन्द्र से कहा कि वह दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बातचीत कराए। कोर्ट ने कहा, मामला दो राज्यों के बीच की दिक्कत का है। केन्द्र संघीय तरीके से इसे सुलझाए। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वह कर्नाटक और तमिलनाडु के एग्जिक्यूटिव हेड्स के बीच बैठक कराएं और मिल बैठकर मसले का हल निकालें। दोनों राज्य केन्द्र का सहयोग करें। भले ही कर्नाटक ने प्रस्ताव पारित किया हो लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के बावजूद कर्नाटक सरकार तमिलनाडु के लिए पानी छोडऩे को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को 27 सितंबर तक हर रोज 6 हजार क्यूसेन पानी छोडऩे को कहा था। कर्नाटक सरकार ने इस आदेश में संशोधन का अनुरोध किया था। कर्नाटक का कहना था कि कावेरी बेसिन में अब पानी नहीं बचा है, जो है वह सिर्फ पीने के लिए है, इसलिए वह तमिलनाडु के लिए पानी नहीं छोड़ सकता।
वहीं तमिलनाडु ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट और कावेरी जल विवाद निपटारा न्यायाधिकरण के निर्देशों का पालन किए जाने तक उसके पड़ोसी राज्य को नहीं सुना जाना चाहिए। तमिलनाडु ने अपनी अपील में कहा कि मामले में संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन करते हुए अदालत के आदेश का सम्मान तथा पालन नहीं किया गया।
Facebook
Twitter
Google+
RSS