नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने कल सिंधु जल समझौता खत्म करने को लेकर बैठक बुलाई थी और अब व्यापार में सहूलियत के लिए पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फ़ेवर्ड नेशन के दर्जे पर पुनर्विचार करेगी.
इस बैठक में पीएमओ, कॉमर्स मिनिस्ट्री और विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे.
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी परसों यानी गुरुवार को बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. भारत ने 1996 में पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था लेकिन पाकिस्तान ने भारत को अब तक ये दर्जा नहीं दिया है.
पाकिस्तान की आर्थिक दिक्कतें बढ़ सकती है, अगर भारत पाकिस्तान को दिए 1996 में दिए मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी व्यापार के मामले में सबसे पसंदीदा देश का दर्जा वापस ले ले. इस तरह के दर्जे वाले देश को रियायती व्यापार शुल्क पर सामान मिलता है. साथ ही कई तरह की प्रक्रियाओं में भी रियायत मिलती है. अब इस तरह का दर्जा और रियायतें, क्या आगे भी जारी रहेंगी, इस बारे में गुरुवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में फैसला होने की उम्मीद है.
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वैसे तो भारत और पाकिस्तान के बीच 3000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी अंतररराष्ट्रीय सीमा है. साथ ही पंजाब के बाघा-अटारी के जरिए बड़े पैमाने पर सड़क मार्ग के रास्ते व्यापार फैलाने की खासी गुंजाइश है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से केवल 137 सामान को सड़क मार्ग से निर्यात की इजाजत और भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिए जाने की वजह से दोनों देशों के बीच व्यापार मुख्य रुप से सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते से होता है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच
– 2014-15 के दौरान कुल व्यापार 2.35 अरब डॉलर था जो जो अगले साल 2.61 अऱब डॉलर पर पहुंच गया.
– भारत मुख्य रुप से कपास, खाद्य सामग्री, कॉफी, चाय, मसाले और सब्जियों का निर्यात करता है,
– जबकि पाकिस्तान से मेवा-मसाले, सल्फर, रबड़, ऊन, और नमक मुख्य रुप से आय़ात किया जाता है
वैसे बीते कुछ सालों में आपसी व्यापार की दिक्कतों को खत्म करने के लिए कई दौर की बातचीत हुई और उम्मीद बंधी कि जल्द ही दोनों देशों के बीच व्यापार 10-12 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा. लेकिन एक के बाद एक लगातार आतंकवादी हमलों के बाद रिश्तें लगातार बिगड़तें जा रहे हैं जिसका असर व्यापार पर पड़ना स्वाभाविक है.
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