नई दिल्ली: भारत में करीब 32 लाख डेबिट कार्ड का डेटा चोरी होने की आशंका के बीच बैंकों ने अपने ग्राहकों से एटीएम कार्ड बदलने या फिर उसकी पिन बदलने को कहा है। जानकारी के मुताबिक मालवेयर वाले एटीएम मशीन से पैसे निकालने की वजह से ये पिन चोरी हुए हैं। जिन बैंकों के कस्टमर्स के डेटा चोरी हुए हैं उनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, येस बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं।
जहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने 6 लाख ग्राहकों के कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं वहीं अन्य बैंक अपने ग्राहकों से पिन बदलने की अपील कर रहे हैं। बैंक ने उन इंटरनेशनल ट्रांजैक्शनों पर रोक लगा दी है जो बगैर पिन के किए जा सकते हैं।
सुरक्षा में सेंध की आशंका हिताची पेमेंट सर्विस के सिस्टम से की जा रही है जो यस बैंक के लिए एटीएम नेटवर्क चलाती है। जुलाई में इस मामले का खुलासा हुआ। हालांकि बैंक अब भी यही कह रही है कि उसके एटीएम नेटवर्क में किसी तरह की समस्या नहीं है और वह ग्राहकों की प्राइवेसी के लिए कई कदम उठा रहे हैं। हालांकि यस बैंक का एटीएम नेटवर्क बहुत छोटा है लेकिन इन मशीनों से थर्ड पार्टी ट्रांजैक्शन के कारण कई बैंक प्रभावित हुए हैं।
इस मामले पर यस बैंक ने कहा, बैंक ने अपने सभी एटीएम की जांच की है और इस जांच के दौरान किसी तरह का सेंध वाला मामला सामने नहीं आया है। बैंक ग्राहकों, अन्य बैंकों और नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ अपनी सेवा जारी रखे हुए हैं और सुनिश्चित करता है कि बैंक के एटीएम नेटवर्क पूरी तरह सुरक्षित हो।
खबर के मुताबिक कार्ड नेटवर्क कंपनियों नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), मास्टरकार्ड और वीजा ने भारत के तमाम बैंकों को इसकी सूचना दी है कि कुछ कार्ड्स की जानकारी चोरी हुई हैं। आरबीआई इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। आरबीआई ने वीजा और मास्टरकार्ड को निर्देश दिए हैं कि वे कस्टमर्स को हुए घाटे की भरपाई करे।
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