अगर आपने 3-डी छपाई वाली तकनीकी से जुडी कोई भी वस्तु देखी या इस्तेमाल की हो तो आपको पता होगा कि यह कितनी असल होती है. आज हम इस तकनीकी के दौर में एक और कदम आगे जा रहें हैं.
अब 3डी-छपाई में पॉलिमर की जगह पौधों का इस्तेमाल हो सकेगा. इस तकनीकी में पौधों को एक जैविक पदार्थ के रूप में प्रयुक्त किया जा रहा है, लेकिन अभी यह शोध पूरी तरह से आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हो सका है.
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शोधकर्ताओं ने पाया है कि मौजूदा 3-डी छपाई में इस्तेमाल होने वाले पॉलिमर की जगह पौधे एक नवीकरणीय और जैविक विकल्प हो सकते हैं. इससे संबंधित शोध का प्रकाशन पत्रिका ‘अडवांस्ड मटीरियल्स टेक्नोलॉजीज’ में किया गया है.
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में कहा है कि सेलूलोज का इस्तेमाल छपाई में प्रचुर मात्रा में हो सकता है.
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) के सीबास्टियन पैटिसन ने कहा, “लकड़ी की यांत्रिक बनावट में सेलूलोज सबसे अहम तत्व होता है. इसीलिए यह बेहद सस्ता, जैविक, नविकरणीय होता है और इसके व्यापक रासायनिक गुण के कारण इसका बहुत सारे उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है.”
पैटिंसन ने कहा, “सेलुलोज और इससे उत्पन्न होने वाले पदार्थो का इस्तेमाल औषधियों, चिकित्सा उपकरणों, खाद्य पदार्थो, इमारत निर्माण, कपड़े और कई दूसरे क्षेत्रों में होता है. इस तरह के बहुत से उत्पाद इसे 3-डी छपाई के योग्य बनाते हैं.”
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उन्होंने कहा, “हमने पाया कि इसकी मजबूती और कठोरता आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले एक्राइलोनाइट्रॉइल ब्यूटाडाईइन स्टाईरिन (एबीए) और पालीलैक्टिक एसिड (पीएलए)सहित 3-डी की छपाई वाले पदार्थो से ज्यादा है.”
सेलुलोज एसीटेट एक खपत वाले उत्पाद के रूप में व्यापक तौर पर उपलब्ध भी है.
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