आगरा – देश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए 20 साइकिलिस्ट गोल्डन ट्रायंगल में 750 किमी के सफर पर निकले हैं। तीन दिन के इस सफर के दौरान वह ईको टूरिज्म का संदेश देते नजर आयेंगे। 750 किमी के इस सफ़र पर नेशनल साइकिलिस्ट और कुछ माह पूर्व प्रदेश में अपनी तरह के बनाये गये 207 किमी लम्बे साइकिल हाईवे पर सी एम अखिलेश के साथ साइकिल चलाकर इवेंट को जीतने वाले गुरलीन कौर के आलावा दिल्ली से कई साइकिलिस्ट हिस्सा ले रहे है।
आपको बता दें कि साइकिलिस्ट 750 किमी का सफ़र 3 दिन में साइकिल से करेंगे पूरा करेंगे। नोमेडिक डेस्टिनेशंस का साइकिलिंग इवेंट टूर डी गोल्डन ट्रायंगल शुक्रवार सुबह इंडिया गेट से शुरू हुआ। साइकिलिस्ट गोल्डन ट्रायंगल में शामिल दिल्ली, आगरा और जयपुर के स्मारकों तक ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने का संदेश देकर जागरूक कर रहे हैं। 20 साइकिलिस्ट शुक्रवार शाम आगरा में ग्यारह सीढ़ी पहुंचे। ग्रुप लीडर कमल ने बताया कि वह पहले सोलो राइड कर चुके हैं। लेकिन देश में पहली बार इतने साइकिलिस्ट एक साथ राइडिंग कर रहे हैं। वे तीन दिन में 750 किमी का सफर तय करेंगे। रविवार को इवेंट की दिल्ली में समापन होगा।
इस इवेंट में भाग ले रहे उमेश ने कहा कि साइकिल पर सफर कर वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं। हम आने वाली जेनरेशन को कूड़े का ढेर औरप्रदुषण नहीं देना चाहते हम उन्हें हरी भरी धरती और प्रदुषण मुक्त वातावरण देना चाहते है .नेशनल साइकिलिस्ट निधि शर्मा कहती हैं कि भारत और विदेशों में साइकिलिंग में अंतर हैं। वहां आप साइकिल ट्रैक पर चलते हैं। यहां सड़कों पर ट्रैफिक के बीच स्पीड मेंटेन करने को मशक्कत करनी होती है। यह लंबी दूरी की उनकी पहली राइडिंग है।
साइकिल हाई वे रेस की विजेता ने बताया अपना अनुभव
उप्र की पहली साइकिल रेस में भाग लेकर उसे जीतने वाली गुरलीन बताती हैं कि दोनों के अनुभव अलग हैं। इटावा से आगरा तक हुई रेस थी,जिसमे सी एम अखिलेश ने भि साइकिल चलाई थी … जबकि यह रैली है। अगर आप साइकिल पर हैं तो पकवानों की खुशबू महसूस कर सकते हैं, लेकिन कार के सफर में ऐसा नहीं होता। फीमेल राइडर्स को सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए
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