अमेरिकी डिजिटल आर्टिस्ट बीपल का एक वीडियो क्लिप 48 करोड़ रुपये में बिक गया। अगर आप इस क्लिप को देखेंगे, तो आपको ऐसा कुछ खास नहीं दिखेगा कि इस वीडियो के लिए करोड़ों रुपये मिले। लेकिन ऐसा हुआ है, जो लोगों में काफी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ समय पहले ही मियामी के एक आर्ट संकलनकर्ता ने इस वीडियो को 67 हजार डॉलर (49 लाख रुपये) का खरीदा था। हाल ही में उन्होंने इस वीडियो को 6.6 मिलियन डॉलर यानी 48 करोड़ रुपये में बेचा है।

दरअसल, इस वीडियो को डिजिटल आर्टिस्ट बीपल ने बनाया है और इसका अंथेटिकेशन ब्लाकचैन से है। ऐसे में जिसके पास इसका ओरिजिनल वर्क होगा, वो उसके डिजिटल सिग्नेचर से ही खुलेगा। इसे नान फंगेबल टोकन यानि एनएफटी कहा जा रहा है। इस खास तकनीक की लोकप्रियता कोरोना काल में बहुत तेजी से बढ़ी है। अब तक ऑनलाइन इस तरह की चीजों का लोग बहुत आसानी से कापी कर लेते थे, लेकिन ब्लाकचैन तकनीक में कोई भी आब्जेक्ट तभी खुलेगा, जबकि उसका सही मालिक डिजिटल सिग्नेचर करके उसको खोले।
कंप्यूटर से बनाए गए इस वीडियो में एक विशाल डोनाल्ड ट्रंप को मैदान पर धराशाई होते दिखाया गया है और उनके पूरे शरीर पर स्लोगन लिखे हुए हैं। बता दें कि इस वीडियो को चुनाव से पहले बनाया गया था, लेकिन ट्रंप की हार के बाद से लाखों लोग रोज इसको ऑनलाइन देख रहे हैं।
बीपल पिछले 12 सालों से रोज एक डिजिटल वीडियो या पिक्चर बनाते हैं। अबतक उन्होंने 4,000 से अधिक कृतियां बना चुके हैं। बता दें कि बीपल की कलाकृतियां अब खूब बिकने भी लगी हैं। अगर आप यूट्यूब पर जाएं या ऑनलाइन चाहें तो मुफ्त में उनके वीडियो देख सकते हैं। लेकिन किसी वीडियो का आप ओरिजनल मालिक बनना चाहते हैं, तो इसे खरीदना होगा। इसके बाद ब्लाकचैन तकनीक के जरिए आप इसके असली मालिक बन जाएंगे।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लॉकचेन तकनीक पूरे विश्व के इको-सिस्टम को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। विश्व के लगभग सभी बड़े केंद्रीय बैंक इसे लेकर शोध कर रहे हैं। इस तकनीक को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है।
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