नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की पैरोल 28 नवंबर तक बढ़ा दी है। सुब्रत रॉय ने शुक्रवार को 200 करोड़ जमा कराए। नवंबर के अंत तक वे 200 करोड़ और जमा कराएंगे।
रुपये जमा करने के बाद सुब्रत रॉय की पैरोल 28 नवंबर तक बढ़ी
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की मां छवि के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें छह मई को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। यह पैरोल एक महीने के लिए थी, जिसे बाद में 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया।
कोर्ट ने रखी थी शर्त
सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय के सामने यह शर्त रखी थी कि उन्हें 500 करोड़ रुपए सेबी के पास जमा करने होंगे। इसमें से 200 करोड़ 11 जुलाई तक जमा करने थे। सुब्रत राय ने यह रकम नौ जुलाई को जमा करा दी थी।
तीन अगस्त तक बढ़ाई गई थी पैरोल
11 जुलाई को उनकी पैरोल को 3 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। साथ ही ऑर्डर दिया था कि सेबी के पास 500 में से बचे 300 करोड़ रु. जमा कराएं।
चार अगस्त को रॉय की पैरोल 16 सितंबर तक बढ़ा दी गई। कोर्ट ने कहा कि अगर वह जेल नहीं जाना चाहते हैं तो सितंबर तक और 300 करोड़ रुपए जमा करें। 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने रॉय की पैरोल रद्द कर दी लेकिन 30 सितंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। 28 सितंबर को हुई सुनवाई में सुब्रत की पैरोल 24 अक्टूबर तक बढ़ाई गई। साथ ही कोर्ट ने 200 करोड़ जमा करने को कहा।
कपिल सिब्बल ने की थी अपील
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुब्रत रॉय की तरफ से पैरोल की अपील की थी। सुब्रत राय ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनी बनाई थी। आरोप है कि इसके जरिये उन्होंने रियल एस्टेट में इंवेस्टमेंट के नाम पर 3 करोड़ से अधिक इंवेस्टर्स से 17,400 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिया था।
सितंबर 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी में डॉक्युमेंट जमा किया।
सेबी ने अगस्त, 2010 में दोनों कंपनियों के जांच का आदेश दिया था।
जांच में खामी पाने पर सेबी ने सवाल उठाए तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रुप की दोनों कंपनियों को इंवेस्टर्स को 24,000 करोड़ रुपए लौटाने के ऑर्डर दिया था।
उसे नहीं चुकाने के मामले में वे 4 मार्च 2014 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे।
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