हमेशा की तरह इस बार भी भारत की बढ़ती हुई ताकत पर पाकिस्तान ने परेशानी जाहिर की है. पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज़ ने हिंद महासागर में भारत की बढ़ती उपस्थिति और भारतीय नौसेना के विस्तार पर चिंता जताई है.
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अजीज़ ने आरोप लगाया है कि भारत ‘विस्तारवादी’ समुद्री सुरक्षा रणनीति अपना रहा है जिससे हिंद महासागर की सुरक्षा को लेकर ‘खतरा’ पैदा हुआ है.
पाकिस्तानी नौसेना की ओर से भारत द्वारा की जा रही गतिविधियों से हिंद महासागर में अस्थिरता पैदा होने और वहां की शांति भंग होने से खतरा पैदा हो गया है.
अजीज़ ने कहा कि भारतीय नौसेना का हिंद महासागर में विस्तार पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, ‘हिंद महासागर की सुरक्षा पाकिस्तान के लिए सामरिक महत्व रखती है.’
सरताज अजीज़ ने कहा, ‘हमें हिंद महासागर की आर्थिक क्षमताओं का अंदाजा हुआ. यह दुनिया के 30 से ज्यादा देशों को समुद्र तट मुहैया कराता है. यह ना केवल एशिया के अहम इलाकों से संपर्क स्थापित करता है, बल्कि दक्षिणी एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका के लिए भी एक मुख्य संपर्क सूत्र है.
यह ऑस्ट्रेलिया को यूरोप से जोड़ता है. सभी पक्षों के बीच सुरक्षा को लेकर नियमित रूप से बातचीत होनी चाहिए, यह बेहद अहम है.’
उन्होंने कहा कि समुद्र के रास्ते ही पाकिस्तान का 95 फीसद कारोबार होता है. पाकिस्तान को अपने राष्ट्रीय हितों का अंदाजा है और हम हिंद महासागर में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने पर ध्यान देंगे.’
इससे पहले 2016 में भारत ने अपनी परमाणु क्षमता युक्त पनडुब्बी अरिहंत से न्यूक्लियर शक्ति संपन्न K-4 बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. सरताज अजीज़ का आरोप है कि हिंद महासागर के परमाणवीकरण के कारण क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा और बढ़ गया है.
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